मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले राज्य की विकास योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में “एक बगिया मां के नाम” योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत 30 हजार एकड़ भूमि पर स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाओं के माध्यम से फलोद्यान विकसित किए जाएंगे। योजना पर लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च होंगे। महिलाओं को पौधे, खाद, तारफेंसिंग, जलकुंड सहित उद्यानिकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि “एक पेड़ मां के नाम” अभियान 1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा। इसमें प्रदेश की 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर 10-10 एकड़ भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा। इस पर लगभग 42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके संचालन में पंचायत, नगरीय विकास, वन और उद्यानिकी विभाग सहित अन्य विभागों की सहभागिता रहेगी।
सीएम डॉ. यादव ने जानकारी दी कि जल गंगा अभियान के अंतर्गत 85 हजार खेत तालाब और 1 लाख से अधिक कुओं का पुनर्भरण किया गया है। शहरी क्षेत्रों में भी 3300 जल स्रोतों का पुनर्जीवन, 2200 नालों की सफाई और 4000 वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाई गईं। 2.30 लाख जलदूतों का पंजीयन हुआ और 15 हजार से अधिक जल संरचनाएं राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज की गईं।
मूंग और उड़द उपार्जन 7 जुलाई से 6 अगस्त तक किया जाएगा। केंद्र सरकार ने एमएसपी पर मूंग के लिए 3.51 लाख और उड़द के लिए 1.23 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य तय किया है। पंजीयन की अंतिम तिथि 6 जुलाई है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का निष्पादन 30 जून को पूरा हो गया, जिससे प्रदेश को 40 साल पुराने कलंक से मुक्ति मिली है। 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में मंत्रियों और विधायकों को जन्मदिन की बधाई दी और रीजनल इंडस्ट्रीज स्किल एंड एंप्लॉयमेंट कॉन्क्लेव (RISE) और निवेशक संवाद कार्यक्रम की उपलब्धियों का जिक्र भी किया।