नशा मुक्ति अभियान से जुड़े एक समाजसेवी जब संत प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे तो उन्होंने बच्चों और किशोरों में बढ़ती नशे की लत पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि आजकल छोटे बच्चे भी खतरनाक पदार्थों जैसे पेट्रोल और सॉल्यूशन सूंघकर नशा करने लगे हैं। यह एक बेहद चिंताजनक सामाजिक संकट बनता जा रहा है।
समाजसेवी ने बताया कि वे कई वर्षों से बच्चों को नशे की आदत से बचाने के लिए जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं, लेकिन अब स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। नशे की शुरुआत उम्र के बेहद नाजुक दौर में होने लगी है। इस पर संत प्रेमानंद महाराज ने परिजन और समाज को महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए सबसे जरूरी है कि माता-पिता और परिजन उनसे मित्रवत व्यवहार करें। उन्हें डांटने या डराने की बजाय दोस्त की तरह बात करें, उनकी समस्याएं सुनें और समाधान भी उसी स्नेह और समझदारी से करें, जैसे एक सच्चा मित्र करता है।
महाराज जी ने यह भी कहा कि जब बच्चों को घर में अपनापन मिलता है तो वे भटकते नहीं हैं। उन्हें अच्छा-बुरा समझाने का सबसे प्रभावी तरीका है प्यार और संवाद। समाजसेवी ने संत प्रेमानंद महाराज का धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका यह संदेश नशा मुक्ति अभियान को नई दिशा देगा और अभिभावकों को जागरूक करने में सहायक सिद्ध होगा।