अलीपुर के पास दिल्ली-पानीपत हाईवे से शुरू हो रहा यूईआर-2 रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़, द्वारका से होते हुए महिपालपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर समाप्त हो रहा है। इसके तीन पैकेज हैं।
बाहरी दिल्ली के अलीपुर से आईजीआई एयरपोर्ट तक डेढ़ माह बाद यानी अगस्त से वाहन फर्राटा भरेंगे। अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर)-2 का निर्माण कार्य 95 फीसदी पूरा कर लिया गया है। 8,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे कॉरिडोर को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से दिल्ली खंड के लिए वित्तपोषित किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कर रहा है।
अलीपुर के पास दिल्ली-पानीपत हाईवे से शुरू हो रहा यूईआर-2 रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़, द्वारका से होते हुए महिपालपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर समाप्त हो रहा है। इसके तीन पैकेज हैं। पहला पैकेज एनएच-1 दिल्ली पानीपत हाईवे इंटरसेक्शन से कराला-कंझावला रोड तक (15.70 किलोमीटर), दूसरा कराला-कंझावला रोड से नांगलोई-नजफगढ़ रोड (13.45 किलोमीटर) व तीसरा पैकेज नांगलोई-नजफगढ़ रोड़ से द्वारका सेक्टर-24 (9.66 किलोमीटर) का है। वहीं, 37.29 किलोमीटर लंबाई की दो सड़कों का भी निर्माण कार्य जा रहा है।
इसमें बवाना इंडस्ट्रियल एरिया से बरवासनी बाइपास सोनीपत (29.60 किलोमीटर) और ढिचाऊ कलां से बहादुरगढ़ बाईपास (7.2 किलोमीटर) हैं। इन दोनों सड़कों के जरिये सोनीपत और बहादुरगढ़ से वाहन बिना किसी बाधा के एयरपोर्ट और गुरुग्राम की तरफ जा सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि कॉरिडोर शुरू होने के बाद दिल्ली में रोजाना ढाई लाख के करीब वाहनों का दबाव कम होगा।
सिग्नल फ्री सफर मिलेगा
इसके शुरू होने से दिल्ली के अंदर सड़कों पर वाहनों का पड़ने वाला दबाव काफी कम होगा। मालवाहक वाहनों को दिल्ली की भीतरी सड़कों पर नहीं आना पड़ेगा। प्रदूषण नियंत्रित होगा साथ ही समय और ईंधन की भी बचत होगी। हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहन जिन्हें एयरपोर्ट, गुरुग्राम व जयपुर की तरफ जाना है, उन्हें सिग्नल फ्री सफर मिलेगा।
27 फ्लाईओवर का निर्माण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व कैबिनेट सहयोगियों के बीच हुई बैठक के दौरान परियोजना प्रगति की स्थिति प्रस्तुत की। यूईआर-2 में 27 फ्लाईओवर, दो आरओबी, 11 अंडरपास, 27 छोटे और बड़े ब्रिज, 17 सबवे और 111 किलोमीटर की सर्विस रोड शामिल है। इस परियोजना को दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के नाम से भी जाना जाता है।