उत्तर प्रदेश के सात जिले ऐसे हैं, जहां ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) 40 फीसदी से भी कम है। गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, प्रतापगढ़, अयोध्या, बलिया और उन्नाव के लीड बैंक मैनेजरों को चेतावनी देते हुए इसे हर हाल में बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। शासन ने इन जिलों से ऋण के लिए नए और संभावित सेक्टरों की पहचान कर रिपोर्ट मांगी है। सीडी रेशियो में वृद्धि जिले में कारोबारी गतिविधियों में तेजी का सूचक होती है। अगर जिले में व्यापार और उद्यम में ग्रोथ हो रही है तो बैंकों से ऋण लेने वालों की संख्या भी स्वभाविक रूप से बढ़ेगी।
आरबीआई ने कहा कि 40 फीसदी से कम सीडी अनुपात वाले सभी लीड डेवलपमेंट मैनेजर अपने जिलों में संभावित ग्रोथ पर विचार कर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए योजना बनाएं। रिपोर्ट के मुताबिक मार्च-25 की तिमाही के दौरान ऋण जमा अनुपात में प्रगति अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही। सीडी रेशियो की समीक्षा के लिए गठित उप समिति ने इस अवधि में बैंकों के एडवांस में खराब वृद्धि और जमा में भारी वृद्धि पर चिंता जताई है। समिति ने बैंकों को सलाह दी है कि वे वित्त वर्ष 25-26 के दौरान अग्रिम व सीडी रेशियो में लगातार वृद्धि करके दिखाएं।
पूर्वांचल में बहराइच और महाराजगंज बेहतर
पूर्वांचल के 27 जिलों में से सिर्फ बहराइच और महाराजगंज का सीडी रेशियो 60 फीसदी है। 12 जिलों का सीडी रेशियो 45 से 60 फीसदी है। शेष 13 जिलों का ऋण जमा अनुपात 45 फीसदी से कम है। इससे साफ है कि इस बेल्ट में कारोबारी गतिविधियां या तो सुस्त हैं या फिर बैंक लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं। बुंदेलखंड के 7 जिलों में से सिर्फ ललितपुर और महोबा का सीडी रेशियो 60 फीसदी से ज्यादा है और पांच जिलों का 45 से 60 फीसदी के बीच है। यानी दोनों ही क्षेत्रों में व्यापार की ग्रोथ अनुमान से कम है। 40% से कम सीडी अनुपात वाले जिलों के एलडीएम को दो महीने में जिला स्तरीय उप समिति की बैठक करने और बैठक के एक हफ्ते में रिपोर्ट साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही चालू माह तक इन जिलों को स्थिति बेहतर करने का अल्टीमेटम दिया गया है
इन सात जिलों में 40 फीसदी से कम है सीडी रेशियो
गाजीपुर | 39.85 फीसदी |
मऊ | 39.13 फीसदी |
आजमगढ़ | 36.65 फीसदी |
प्रतापगढ़ | 36.58 फीसदी |
अयोध्या | 36.22 फीसदी |
बलिया | 33.44 फीसदी |
उन्नाव | 32.82 फीसदी |