आरोपी गुरुचरण ने ई-सिगरेट के अवैध व्यापार में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। वह दिल्ली के अशोक विहार में चौरसिया नाम से पान की दुकान चलाता है, जहां वह प्रतिबंधित ई-सिगरेट बेचता है।
आरोपी गुरुचरण ने ई-सिगरेट के अवैध व्यापार में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। वह दिल्ली के अशोक विहार में चौरसिया नाम से पान की दुकान चलाता है, जहां वह प्रतिबंधित ई-सिगरेट बेचता है।
दिल्ली पुलिस ने चीन से भारत आ रही प्रतिबंधित ई-सिगरेट सप्लाई करने वाले गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने शालीमार बाग, दिल्ली निवासी गुरुचरण (33) को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 78 एल्फबार वेप्स (चीन में निर्मित) ई-सिगरेट बरामद की हैं। उनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1.6 लाख रुपये बताई जा रही है।
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त संजय कुमार सैन के अनुसार पुलिस टीम ने 17/18 अप्रैल की मध्य रात्रि में भगवान महावीर रोड पर वाहन जांच करते समय आजादपुर रोड से आ रही एक संदिग्ध स्कूटी को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखकर आरोपी ने स्कूटी की रफ्तार बढ़ा दी। कुछ दूर पीछा करने के बाद पुलिस टीम ने स्कूटी चालक गुरुशरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान स्कूटी से एक प्लास्टिक बैग बरामद किया गया। उसमें से ई-सिगरेट बरामद हुआ। प्रत्येक ई-सिगरेट की कीमत लगभग 2,000 है।
आरोपी गुरुचरण ने ई-सिगरेट के अवैध व्यापार में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। वह दिल्ली के अशोक विहार में चौरसिया नाम से पान की दुकान चलाता है, जहां वह प्रतिबंधित ई-सिगरेट बेचता है। गुरुचरण ने खुलासा किया कि चीन निर्मित ई-सिगरेट ने युवाओं, विशेष रूप से जेनरेशन जेड के बीच अपने कथित स्टेटस सिंबल और आकर्षक डिजाइन के कारण लोकप्रिय है। वह हर ई-सिगरेट पर 800 रुपये बचा रहा था। गुरुचरण ने कबूल किया कि वह ग्राहकों को ई-सिगरेट आजमाने के लिए प्रोत्साहित करता था, बाद में उनकी लत से लाभ कमाता था।
यूपी के प्रतापगढ़ का रहने वाला है आरोपी : गुरुचरण उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का रहने वाला है और उसने अपने पैतृक गांव में 5वीं कक्षा तक की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की है। वह दिल्ली आने के बाद करीब एक साल से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के अवैध व्यापार में शामिल हो गया।
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