हमास पर रहम नहीं कर रहे नेतन्याहू, इजरायल की गाजा पर ताबड़तोड़ बमबारी

हमास की ओर से शेष बंधकों की रिहाई नहीं किए जाने को लेकर इजरायल ने गाजा पट्टी पर मंगलवार को ताबड़तोड़ बमबारी की। इसमें 400 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए और 560 से अधिक घायल हुए। गत जनवरी में युद्ध विराम प्रभावी होने के बाद गाजा पर इजरायल का यह सबसे बड़ा हवाई हमला है। रजमान के दौरान हमले को उस समय अंजाम दिया गया, जब लोग तड़के सहरी की तैयारी कर रहे थे।

हमास में प्रधानमंत्री की हैसियत रखने वाला मारा गया
इजरायली सेना के पिछले 24 घंटों के दौरान हमलों में हमास में प्रधानमंत्री की हैसियत रखने वाला आतंकी एस्साम दीब अब्दुल्ला अल-दलिस भी मारा गया है। वह गाजा पट्टी में हमास का पूरा शासन संभालता था। बहरहाल, हमलों के चलते युद्ध विराम पूरी तरह खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दे दिया संदेश
इजरायल ने कहा है कि वह हमास के कब्जे से बंधकों को मुक्त कराने के लिए और ज्यादा बल का प्रयोग करेगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा पर हवाई हमले सिर्फ शुरुआत हैं और युद्ध विराम के लिए सभी वार्ताएं युद्ध के दौरान ही होंगी।

एक बयान में उन्होंने कहा कि इजरायल तब तक आगे बढ़ता रहेगा जब तक वह युद्ध के अपने सभी लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लेता। इन लक्ष्यों में हमास का सफाया और उसके कब्जे से सभी बंधकों की रिहाई शामिल है। इन लक्ष्यों को हासिल करने से इजरायल को कोई नहीं रोक सकता।

बंधकों की रिहाई के लिए सैन्य दवाब जरूरी- नेतन्याहू
नेतन्याहू ने कहा कि पूर्व में हुई रिहाई से साबित होता है कि बंधकों की रिहाई के लिए सैन्य दवाब जरूरी है। जबकि हमास ने इजरायल पर युद्ध विराम का उल्लंघन करने और स्थायी शांति के लिए मध्यस्थों के प्रयासों को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। जनवरी में हुए युद्ध विराम में अहम भूमिका निभाने वाले मध्यस्थों में शामिल मिस्त्र ने संयम की अपील की है और सभी पक्षों से स्थायी समझौते की दिशा में काम करने का आग्रह किया है।

मंगलवार तड़के हवाई हमलों में पूरे गाजा को निशाना बनाया गया। उत्तर से दक्षित तक के घरों और शिविरों पर हमले किए, जबकि इजरायली टैंकों ने सीमा रेखा के पार पूर्व और दक्षिण में गोलों की बौछार की।

इजरायली सेना गाजा में फिर से जमीनी कार्रवाई शुरू कर सकती है
इजरायली सेना ने कहा कि उसने दर्जनों लक्ष्यों पर हमला किया। हमले तब तक जारी रहेंगे, जब तक जरूरत होगी। सेना ने लोगों को पूर्वी गाजा खाली करने का निर्देश दिया है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि इजरायली सेना गाजा में फिर से जमीनी कार्रवाई शुरू कर सकती है। इधर, गाजा के अस्पतालों में शवों का अंबार लग गया है।गाजा में हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 404 लोगों की मौत हुई है और 560 ज्यादा घायल हुए हैं। इजरायल ने पिछले दो सप्ताह से गाजा के लिए सहायता आपूर्ति रोक रखी है। इससे मानवीय संकट गहरा गया है। जबकि इजरायली हमलों से गाजा में एक बार फिर लोग दहशत में हैं।

रमजान की रात में जमकर हुई गोलीबारी
गाजा सिटी में रहने वाली पांच बच्चों की मां 65 वर्षीय रबीहा जमाल ने कहा, ‘यह नरक की रात थी। हम सहरी की तैयारी कर रहे थे, तभी धमाकों से इमारत हिलने लगी। हम लोगों को लगा था कि युद्ध खत्म हो गया है, लेकिन यह फिर शुरू हो गया।’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा कि वह इजरायली बमबारी से भयभीत हैं।

जनवरी में हुआ था युद्ध विराम
सात अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे। 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजरायल ने हमास के सफाए के लिए गाजा में सैन्य अभियान चला रखा था।15 महीने तक जारी रहे इस अभियान में गाजा में 48 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए। गत जनवरी में इजरायल और हमास के बीच छह सप्ताह के लिए युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौता हुआ था। हमास के कब्जे में अब भी 59 बंधक हैं।

हमले से पहले अमेरिका से चर्चा
वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने बताया कि हमलों से पहले इजरायल ने ट्रंप प्रशासन और व्हाइट हाउस के साथ विचार-विमर्श किया था। उन्होंने कहा, ‘हमास युद्ध विराम को आगे बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन उसने इन्कार कर दिया और युद्ध का रास्ता चुना।’ जबकि रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने कहा कि वह इजरायली हमलों में गाजा में बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की खबर से चिंतित है।

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