डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के लिए योगी सरकार ने 1000 डॉक्टरों की भर्ती वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से करने की तैयारी कर ली है.जानिए क्या है योगी के खान-पान की दिनचर्या….
मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की मीटिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में चिकित्साधिकारियों के लेवल-01 के 1,000 पदों पर एमबीबीएस/विशेषज्ञ डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार (वाॅक इन इंटरव्यू) के माध्यम से कांट्रैक्ट पर तैनात किए जाने का निर्णय लिया है.
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रिटायर्ड विशेषज्ञ चिकित्सकों के पुनर्नियोजन के लिए 1,000 निःसंवर्गीय पदों में से 500 पद सेवानिवृत्त विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए और 500 पद सेवानिवृत्त एमबीबीएस डिग्रीधारकों के लिए आवंटित करने का भी निर्णय लिया गया है, जिनकी पुनर्नियोजन अवधि एक वर्ष के लिए होगी, जिसे दो वर्ष की अवधि तक रिन्यू किया जा सकेगा.
दरअसल यूपी में चिकित्सकों के कुल स्वीकृत पद 18832 के सापेक्ष 7327 पद खाली चल रहे हैं. लोक सेवा आयोग में चयन प्रक्रियाओं के माध्यम से चयन में समय लगने के कारण भी रिक्तियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. इस समस्या के निवारण के लिए उत्तर प्रदेश में चिकित्सकों की नियुक्ति, पुनर्नियोजन तथा साक्षात्कार वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से अनुबंध के आधार पर किए जाने का मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया.
नियुक्ति की ये पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन होगी, जिसके लिए समिति का गठन किए जाने का निर्णय लिया गया है. इस समिति के अध्यक्ष महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य होंगे. अनुबंधित चिकित्सकों को कोई प्रशासकीय पद नहीं दिया जाएगा. उन्हें परामर्शी कहा जाएगा.
अनुबंध के लिए पदों का जनपदवार निर्धारण महानिदेशक की संस्तुति पर शासन द्वारा किया जाएगा, परन्तु अनुबंध के कुल पदों की संख्या-1000 से अधिक नहीं होगी.
अनुबंध के दौरान डॉक्टरों को मानदेय चिकित्सा इकाइयों की श्रेणी के आधार पर किया जाएगा. इसमें ए श्रेणी के लिए 50,000 रुपए महीना, बी श्रेणी के लिए 55,000 रुपए, सी श्रेणी के लिए 60,000 रुपए और डी श्रेणी के लिए 65,000 रुपए मासिक दिया जाएगा. इसी तरह विशेषज्ञ चिकित्सक का मासिक मानदेय ए श्रेणी के लिए 80,000 रुपए, बी श्रेणी के लिए 90,000 रुपए मासिक, सी के लिए 1 लाख रुपए और डी श्रेणी के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए होगा.