एनसीआर से दिल्ली की सीमा तक पहुंचे ट्रक… बढ़ रहा प्रदूषण

पड़ोसी राज्यों से ट्रक दिल्ली की सीमा तक पहुंच रहे हैं। इस कारण भी यहां अधिक प्रदूषण फैल रहा है। गुरुग्राम व फरीदाबाद से ट्रक समेत भारी वाहन दिल्ली की सीमा तक पहुंचने से यहां हवा में जहर घुल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप की बंदिशें लागू हैं इसके बावजूद वाहन सीमा तक आ रहे हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष प्रदूषण फैलाने वालों वाहनों की संख्या 61.66 फीसदी बढ़ी।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गुरुग्राम समेत पड़ोसी राज्यों की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर भारी वाहनों को रोकने के लिए कहा गया था। 19 नवंबर की रात को भी कापसहेड़ा बॉर्डर पर काफी संख्या में भारी वाहन पहुंचे थे। यहां पर ट्रक समेत अन्य भारी वाहनों की 700 -700 मीटर लाइन लग गई थी। इन वाहनों को दिल्ली की सीमाओं से वापस लौटाया गया।

सीनियर पुलिस अधिकारी बॉर्डरों पर उतरे-

दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण के चलते यातायात पुलिस अधिकारी बॉर्डरों पर उतर गए हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) अजय चौधरी मंगलवार रात कापसहेड़ा बॉर्डर पर पहुंचे। वह अधिकारियों के साथ रात तीन बजे तक बॉर्डर पर डटे रहे।

केएमपी का दौरा करेंगे

दिल्ली यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली यातायात के पुलिस अधिकारी अब केएमपी-जयपुर हाइवे की तरफ दौरा करेंगे। यहां देखेंगे कि भारी वाहनों को कहां रोका जाए और कहां से केएमपुर की ओर डायर्वट किया जाए।

ध्यान दे- ग्रेप-4 में ये वाहन चलेंगे/नहीं चलेंगे-

दिल्ली में सीएनजी/एलएनजी/इलेक्ट्रिक / बीएस-6 ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों की एंट्री पर रोक है। आवश्यक वस्तुओं/ सेवाएं प्रदान करने वाली ट्रकों की छूट रहेगी।दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड सभी हल्के कमर्शियल वाहनों (एलसीवी) की एंट्री पर रोक रहेगी। सीएनजी/इलेक्ट्रिक/ बीएस-6 डीजल और आवश्यक वस्तुओं/ सेवाएं प्रदान करने वाली हल्के कमर्शियल वाहनों को छूट है।

दिल्ली में रजिस्टर्ड बीएस-4 डीजल व उससे कम क्षमता वाले डीजल से चलने वाले मध्यम माल वाहक वाहन और भारी माल वाहक वाहन के चलने पर सख्त प्रतिबंध। सिर्फ आवश्यक वस्तुओं/ सेवाएं प्रदान करने वाली वाहनों को छूट रहेगी।(ग्रैप-3 के तहत लागू) निर्माण और विध्वंस कार्य पर प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध लौनियर प्रोजेक्ट हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, दूरसंचार आदि के लिए जारी परियोजनाओं पर भी लागू होगा।

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