शासन को भेजे गए भर्ती दस्तावेजों पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एक नए विवाद में घिरता नजर आ रहा है। गत दिनों इलाहाबाद आए सीएम योगी आदित्यनाथ के यहां से लौटते ही शासन ने लोक सेवा आयोग से भर्ती दस्तावेज तलब कर लिए। अब चर्चा है कि आयोग की ओर से शासन को दस्तावेज भेज दिए गए हैं। दस्तावेज भेजे जाने के बाद प्रतियोगियों ने फिर से लोक सेवा आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका आरोप है कि शासन को भेजे गए दस्तावेज में हेरफेर किया गया है। इसी के मद्देनजर प्रतियोगियों ने सीधे सीएम को उनकी मेल आईडी पर शिकायत भेजने का अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि आयोग के अफसर अब भी भर्ती दस्तावेज शासन को भेजे जाने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
शासन को भेजे गए भर्ती दस्तावेजों पर उठे सवाल
 
हालांकि आयोग के सूत्रों का कहना है कि शासन को पीसीएस, पीसीएस जे, लोअर, आरओ-एआरओ भर्ती से संबंधित दस्तावेज भेजे गए हैं। दस्तावेज शासन को भेजे जाने की सूचना के बाद प्रतियोगियों ने आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रतियोगी छात्रों ने एक अभियान के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ की मेल आईडी पर शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी है। प्रतियोगियों का आरोप है कि इन भर्तियों के तहत चयनित अभ्यर्थियों के नाम, जाति, वर्ग, अंक से संबंधित जो भी सूचना शासन को भेजी गई है, उसमें आयोग ने हेरफेर किया है। प्रतियोगियों ने यह आरोप भी लगाया है कि एक अफसर तबादले के बाद भी आयोग में डटे हुए हैं और शासन को भेजी गई सूचना में जो भी हेरफेर किया गया है, उसमें इस अफसर का भी हाथ है।

प्रतियोगी छात्रों ने सीएम को मेल के जरिये शिकायत भेजकर मांग की है कि शासन को जो सूचना भेजी गई है, उसका मिलान आयोग में रखे मूल दस्तावेजों से कराया जाए ताकि गड़बड़ी का खुलासा हो सका। प्रतियोगियों का आशंका है कि अगर शासन ने आयोग की ओर से भेजी गई सूचना को जांच का आधार बनाया तो गड़बड़ी कभी सामने नहीं आएगी और ऐसे में सीबीआई जांच की मांग पर पानी फिर सकता है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि सीएम के समक्ष शिकायत दर्ज कराने के लिए अभियान चलाया गया है। सीएम से यह मांग भी की गई है कि आयोग की ओर से डॉक्टर, इंजीनियरिंग, शिक्षक जैसे पदों पर की गई सीधी भर्ती की भी सीबीआई जांच कराई जाए।

 

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