यूपी: दिवाली पर सांसों का खतरा, हवा में घुल रहा ‘जहर’… धुंध में धुंधला दिखा ताज

आगरा में त्योहार पर सांसों का संकट बढ़ सकता है। हवा में ‘जहर’ घुल रहा है। बीमार व बुजर्गों के लिए खतरा अधिक है। रविवार को औसत एक्यूआई 147 रहा। लेकिन, पीएम-2.5 और पीएम-10 का अधिकतम स्तर मनोहरपुर, रोहता, ताजमहल, शास्त्रीपुरम व आवास विकास कॉलोनी में मानक से 4 से 8 गुना तक अधिक रहा।

पिछले 6 दिन से शहरी क्षेत्र में हवा में सांस लेने में घुटन हो रही है। आंख और नाक में खुजली व गले में खराश और खांसी से लोग बेहाल हैं। ऐसे में तीन दिन बाद दिवाली है। पटाखों की आतिशबाजी से हवा और खराब होगी। उधर, प्रशासन स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। यह स्थिति तब है जब 15 अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू हो चुका है।

एडीए, पीडब्ल्यूडी, मेट्रो, नगर निगम, जल निगम व यातायात पुलिस सहित विभिन्न विभागों को वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उपाय करने हैं। उपाय के नाम पर नगर निगम सड़कों पर सिर्फ छिड़काव तक सीमित है।

रविवार को सुबह से शाम तक आसमान में धुंध छाई रही। मनोहरपुर, दयालबाग क्षेत्र में सूक्ष्म कण पीएम-2.5 का अधिकतम स्तर 322 तक दर्ज किया गया, जो मानक से छह गुना अधिक है। वहीं, रोहता में पीएम-2.5 का अधिकतम स्तर 245, संजय प्लेस में 229, शास्त्रीपुरम में 282 और सेक्टर-3 आवास विकास में 233 रहा। यह सूक्ष्म कण सांस लेने पर नाक व मुंह के रास्ते सांस नली में जा रहे हैं। जिनसे अस्थमा रोगियों को अटैक का खतरा बढ़ रहा है। ब्लड प्रेशर भी बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रहा है। यही हाल रहा तो शहर त्योहार पर गैस चैंबर में तब्दील हो सकता है।

15 अक्तूबर से लागू है ग्रैप
 जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि 15 अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू हो चुका है। वायु प्रदूषण के संबंध में संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। नगर निगम सड़कों पर पानी का छिड़काव करा रहा है। एक्यूआई बढ़ने पर अन्य विभाग भी
निरोधात्मक कदम उठाएंगे।

नहीं रुक रहा कूड़ा जलना
 दिवाली त्योहार पर घरों में साफ-सफाई के कारण एक तरफ गली-मुहल्लों में डलाबघर बन गए हैं। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन ठप पड़ा है। दूसरी तरफ कचरा जलाकर निस्तारण नहीं रुक पा रहा। कूड़ा जलने से हवा में काला धुआं घुल रहा है, जो हवा की सेहत बिगाड़ रहा है।

नहीं बरती जा रही सख्ती
ताजमहल से 60 किमी का क्षेत्र पर्यावरण दृष्टि से संवेदनशील है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध व वायु प्रदूषण को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं। परंतु, धरातल पर असर दिखाई नहीं दे रहा। ताज ट्रेपेजियम जोन में भी वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सख्ती नहीं बरती जा रही।

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