रेल मंत्रालय देश भर के 20 स्टेशनों को निजी कंपनियों को नीलाम करने का फैसला किया है. इसके तहत रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तीय सुविधाएं कंपनियों की जिम्मेदारी होंगी, जबकि ट्रेन परिचालन, टिकट और सुरक्षा की देखरेख रेलवे संभालेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस लिस्ट में मुंबई का लोकमान्य तिलक टर्मिनल, मुंबई सेंट्रल (मुख्य), बोरिवली, पुणे, ठाणे, विशाखापत्तनम, हावड़ा, इलाहाबाद, कानुपर सेंट्रल, कामाख्या, फरीदाबाद, जम्मू तवी, उदयपुर शहर, सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, रांची, कोझिकोड, यसवंतपुर, बैंगलोर कैंट, भोपाल और इंदौर जैसे स्टेशनों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित करने का फैसला किया है. हिन्दी अखबार पत्रिका में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सरकार ने इन स्टेशनों की ऑनलाइन नीलामी का निर्णय किया है, जिसमें 28 जून तक इच्छुक कंपनियां बोली लगा सकती है. इसके नतीजे 30 जून को घोषित किए जाएंगे, जहां सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले का नाम सार्वजनिक किया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर सेंट्रल स्टेशन के लिए न्यूनतम बोली की सीमा 200 करोड़ रुपये, जबकि इलाहाबाद स्टेशन के लिए 150 करोड़ रुपये रखा गया है. स्टेशनों को निजी कंपनी को सौंपने के बाद रेलवे सिर्फ ट्रेनों का परिचालन , सुरक्षा व्यवस्था, टिकट बिक्री और पार्सल की जिम्मेदारी संभालेगा. वहीं निजी कंपनी स्टेशनों पर 5 स्टार होटल, शॉपिंग मॉल और मल्टी प्लेक्स बनाएगी. इसके साथ ही वे प्लेटफार्म पर फूड स्टॉल, रिटायरिंग रूम, फ्रेश एरिया और प्ले एरिया भी विकसित करेंगे, जहां ट्रेनों के लेट होने की हालत में मुसाफिर अब वक्त बिता सकेंगे.
रेल मंत्रालय ने तय किया है कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप की इस व्यवस्था में स्टेशनों को 45 साल के लिए प्राइवेट कंपनियों को लीज पर दिया जाएगा. इस दौरान कंपनियों को अपने रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं देना होगा. खबर के मुताबिक, इस योजना के तहत हालांकि रेलवे और कंपनियों के बीच आमदनी के बंटवारे का फार्मूला तय नहीं हो पाया है. रेलवे जहां आमदनी में 50-50 का हिस्सा चाहता है, वहीं निजी कंपनियां 70-30 की हिस्सेदारी की बात कर रही हैं.