पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि डाक्टरों के खिलाफ किसी भी किस्म की हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा। जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए डा. बलबीर सिंह ने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डाक्टर्स के खिलाफ बढ़ती हिंसा के मामलों का गंभीर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों, सी.पीज./एस.एस.पी. और सिविल सर्जनों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में स्वास्थ्य प्रशासनिक सचिव कुमार राहुल, सचिव स्वास्थ्य कम एम.डी. एन.एच.एम. डा. अभिनव त्रिखा, एम.डी. पी.एच.एस.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक डा. हितिंद्र कौर उपस्थित थे।
कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डा. बलबीर सिंह ने डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य बोडौँ के गठन के निर्देश दिए। इन बोडों में एस. एस. पी., सिविल सर्जन, मैडीकल कालेज के प्रिंसीपल/मैडीकल सुपरिंटेंडेंट, जिला पी. सी. एम. एस. अध्यक्ष/जिला आई.एम. ए. अध्यक्ष के प्रतिनिधि, पैरामैडीकल स्टाफ/एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि और कानूनी विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि ये बोर्ड सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए मासिक बैठकें करेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को पंजाब प्रोटेक्शन ऑफ मैडीकेयर सर्विस पर्सनज एंड मैडिकेयर सर्विस इंस्टीच्यूशंस (प्रिवेंशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज टू प्रॉपर्टी) एक्ट, 2008 को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में अंग्रेजी और पंजाबी दोनों भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर इस अधिनियम की धाराएं, जुर्माने और सजा के साथ-साथ पुलिस स्टेशनों के नंबर प्रदर्शित हों। उन्होंने सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि वे सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में होमगार्ड की तैनाती, सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने और उचित रोशनी सहित पुख्ता सुरक्षा व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।