एंटी रोमियो पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच योगी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वाड के वो आंकड़े जारी किए हैं जो इसपर उठ रहे सवालों का जबाब देने के लिए काफी है. यूपी पुलिस मुख्यालय ने पिछले 66 दिनों का वह डाटा जारी किया है जिसमें यह बताया गया है कि एंटी रोमियो स्क्वाड ने कितने मनचलों को पकड़ा है और कितनी aछेड़खानी को रोका है. कितनों को चेतावनी दी है और कितने लोगों को अपने संदेह की सूची में डाल रखा है.
लेकिन यूपी पुलिस की एंटी रोमियो स्क्वाड के डाटा में इस बात की चर्चा नहीं है कि एंटी रोमियो स्क्वाड के नाम पर पुलिस वालों ने कितनी बार बदसलूकी की. कितने जोड़ों को बेवजह छेड़ा और ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ क्या कार्यवाही हुई. हालांकि यह डाटा ये जरूर बताता है कि योगी सरकार के आने के बाद से अब तक महिला सुरक्षा पर क्या कार्यवाही हुई है.
22 मार्च से 28 मई तक पूरे राज्य भर में एंटी रोमियो स्क्वाड में सार्वजनिक जगहों पर मनचलों के खिलाफ अब तक कुल 538 मामले दर्ज किए हैं. जिसमें 1264 लोगों पर कार्यवाही भी की गई है. इन 66 दिनों के बीच राज्य भर की सभी सार्वजनिक जगहों पर लगभग 7 लाख से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है और 3 लाख से ज्यादा लोगों को चेतावनी देने के बाद छोड़ा गया है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक किसी भी राज्य में महिला सुरक्षा के मामले में देश की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा कार्रवाही गोरखपुर जोन में ही हुई. जहां 800 से ज्यादा मनचलों पर पुलिस ने मामले दर्ज किए है. जबकि सबसे कम 40 मामले लखनऊ और मेरठ जोन के हैं. जो छेड़खानी के लिए सबसे ज्यादा बदनाम रहा है.
हालांकि एंटी रोमियो दल के कार्यवाईयों को लेकर जब तीखी आलोचना शुरू हुई तो पुलिस ने इस स्क्वाड को ट्रेनिंग देनी शुरू की और बाकायदा लखनऊ में ऐसे कार्यक्रम शुरू हुए जिसमें हिस्सा लेने आ रही टीमों को यह बताया जा रहा है कि कैसे एंटी रोमियो स्क्वाड को काम करना है. कैसे लड़कियों को मनचलों से बचाना है और कैसे प्रेमी जोड़ो को नहीं छूना है.