पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद कई लोगों ने पुलिस के खिलाफ अपनी टिप्पणियां कीं पुलिस की कार्रवाई और उसके कामकाज पर सवाल उठाए। पुलिस के बारे में नकारात्मक कहानी गढ़ने की भी कोशिश की गई। और उन्हें सफलता भी मिली।
पिछले महीने पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल 17 वर्षीय किशोर को सुधार गृह से तत्काल रिहाई मिल गई। हालांकि, इस घटना के दौरान कई बार ऐसे मौके आए, जहां भ्रष्टाचार के मामले सामने आए। जांच के दौरान ये बात सामने आई कि डॉक्टर ने आरोपी के ब्लड सैंपल बदल दिए।
कांग्रेस विधायक रवींद्र धांगेकर ने दावा किया कि आरोपी को थाने में पिज्जा परोसा गया था। वहीं, शिवसेना नेता (यूबीटी) संजय राउत ने दावा किया था कि इस मामले में पुलिस कमिश्नर आरोपी को बचा रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर ने भ्रष्टाचार को लेकर जताई चिंता
इस घटना ने इस बात को उजागर कर दिया कि देश में सार्वजनिक तौर पर काम करने वाली सिस्टम या कार्यप्रणाली में कई गड़बड़ियां है। इस गड़बड़ियों पर पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने भी चिंता जाहिर की। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमितेश कुमार ने पुणे में पोर्श कार दुर्घटना को याद किया।
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद कई लोगों ने पुलिस के खिलाफ अपनी टिप्पणियां कीं, पुलिस की कार्रवाई और उसके कामकाज पर सवाल उठाए। पुलिस के बारे में नकारात्मक कहानी गढ़ने की भी कोशिश की गई। और उन्हें सफलता भी मिली।
इसी सिस्टम ने भ्रष्टाचार को उजागर भी किया: अमितेश कुमार
अमितेश कुमार ने आगे कहा कि आरोपी को बचाने के लिए अस्पताल में खून के नमूनों में हेराफेरी की गई। सब देखने के बाद आपके मन में सवाल तो होंगे ही कि सिस्टम कितना भ्रष्ट है लेकिन साथ ही आपको यह समझने की भी जरूरत है , कि यह वही सिस्टम है जिसने इस मामले से भ्रष्टाचार को उजागर भी किया है।
पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा कि इसी सिस्टम ने यह सुनिश्चित किया कि डॉक्टर, आरोपी नाबालिग, उसके माता-पिता और दादा सभी को जेल हो और तथ्य लोगों के सामने आएं।