एक तरह की टेक्नॉलजी है जिसका इस्तेमाल स्क्रीन को एक्टिव रखने के लिए किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कई कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम मोड में कर रहे थे। इस तकनीक में डेक्सटॉप को स्लीप मोड में जाने से रोका जाता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में इस टेक्नॉलजी के बारे में विस्तार से बताएंगे।
वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) आज हमें बड़ा आम लगता है पर 4 साल पहले इसका ट्रेंड शुरू हुआ था। जी हां, जब पूरी दुनिया कोविड महामारी से बचने के उपाय ढूंढ रही थी तब कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) की सुविधा दी।
आज भी कई कंपनियों में यह ट्रेंड जारी है, लेकिन कई कंपनियों ने इस ट्रेंड को बंद कर दिया। वैसे तो वर्क फ्रॉम होम में कर्मचारियों को काफी आराम होता है, लेकिन कई बार कर्मचारी इसका गलत इस्तेमाल भी करते हैं। जी हां, कई कर्मचारी काम के लिए माउस जिगलर टेक्नोलॉजी (Mouse Jiggler Technology) का इस्तेमाल करते हैं। इस टेक्नोलॉजी के जरिये वह कंपनी को मूर्ख बनाते हैं।
हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक वेल्स फार्गो नाम की कंपनी ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। कंपनी ने कर्मचारियों को इस वजह से निकाला क्योंकि वह माउस जिगलर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे।
क्या होता है माउस जिगलर?
माउस जिगलर एक तरह का सॉफ्टवेयर है। इसे आसान भाषा में माउस मूवमेंट भी कहते हैं। इसमें तकनीक में कंप्यूटर या लैपटॉप स्लीप मोड में नहीं जाता है। ऐसे में एक्टिविटी बनी रहती है जिससे कंपनी को लगता है कि कर्मचारी काम करता है पर सच तो इसका उलटा होता है।
माउस जिगलर एक तरह का फर्जी कीबोर्ट एक्टिविटी सॉफ्टवेयर है। कई कंपनी स्क्रीन टाइम रीडर का इस्तेमाल करती है। स्क्रीन टाइम रीडर से यह पता चलता है कि कर्मचारी का डेक्सटॉप एक्टिव है भी या नहीं। ऐसे में डेक्सटॉप एक्टिव रहे इसके लिए कर्मचारी माउस जिगलर का इस्तेमाल करते हैं।