दुनिया भर में रैनसमवेयर के हमलों में कमी का कोई संकेत देखने को नहीं मिल रहा है। साल की पहली तिमाही में मोबाइल रैनसमवेयर के हमलों में तीन गुणा की बढ़ोतरी देखी गई है। साइबर सुरक्षा कंपनी कास्परस्की लैब ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मॉस्को की कंपनी कास्परस्की लैब के मुताबिक पहली तिमाही के दौरान कुल 2,18,624 मोबाइल रैनसमवेयर फाइलों की पहचान की गई, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह संख्या 61,832 थी।
कास्परस्की लैब के वरिष्ठ मालवेयर विश्लेष्क रोमान उनुचेक ने बताया, “पहली तिमाही में मोबाइल डिवाइसों को निशाना बनाने वाले रैनसमवेयर में तेजी आई है, जिनमें नए रैनसमवेयर और बदलाव के साथ आने वाले रैनसमवेयर शामिल हैं। लोगों को यह समझना होगा कि ये हमलावर न सिर्फ पीसी पर उनकी आकंड़ों तक पहुंच को रोक सकते हैं, बल्कि उनके मोबाइल फोन को भी हैक कर सकते हैं।”
‘ट्रोजन-रैंसम डॉट एंड्रायडओएस डॉट एफयूएसओबी डॉट एच’ अब तक का सबसे अधिक प्रसारित रैनसमवेयर है जिसने सभी उपयोगकर्ताओं के लगभग 45 फीसदी को निशाना बनाया है।
कंपनी ने बताया, “एक बार जब यह मोबाइल फोन में घुस जाता है। तो यह व्यवस्थापक विशेषाधिकार का अनुरोध करता है। उसके बाद यह डिवाइस के बारे में जानकारी लेना शुरू कर देता है, जिसमें जीपीएस कोरडिनेट्स से लेकर कॉल हिस्ट्री तक और मोबाइल में जमा सारे आंकड़े तक शामिल होते हैं। यह उन जानकारियों को अपने सर्वर तक भेजता है और मोबाइल को ब्लॉक कर देता है।”