चुनाव के दौरान वैसे भी आयोग का इस बात पर फोकस रहता है कि मतदाताओं की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए सभी तरह की कोशिशें की जाए। इनमें मतदान का समय बढ़ाना भी एक पहल है। गौरतलब है कि मौसम विभाग ने मई-जून महीने में इस बार सामान्य से अधिक तापमान के रहने का अनुमान जताया है।
अप्रैल से जून के बीच सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी तेवरों के साथ ही चुनाव आयोग अब मौसम के तेवरों से निपटने की तैयारी में जुट गया है। मौसम विभाग की ओर से मई -जून के मौसम को लेकर जताए गए अनुमान के बाद आयोग ने जहां देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए पीने का पानी और छांव का इंतजाम करने के निर्देश दिए है।
वहीं, मतदान के समय को भी बढ़ाने को लेकर भी मंथन शुरू कर दिया है। जो संकेत मिल रहे है, उसके तहत मतदान के समय गर्मी की स्थितियों को देखते हुए इस पर फैसला लिया जाएगा। जिसमें मतदान के समय को सुबह आठ बजे की जगह सुबह सात बजे से शुरू किया जा सकता है। साथ ही इसके खत्म होने के समय को शाम पांच बजे से बढ़ाकर सात बजे तक किया जा सकता है।
आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, यह पहल मौसम विभाग के उस एडवाइजरी को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जिसमें मई-जून में तापमान के सामान्य से ज्यादा रहने या लू की स्थिति में लोगों को दोपहर 12 से तीन बजे तक घर से न निकलने की सलाह दी गई है। माना जा रहा है कि ऐसे स्थिति में आयोग सुबह एक घंटे और शाम को दो घंटे मतदान का समय बढ़ाकर इसकी पूर्ति कर सकता है। चुनाव के दौरान वैसे भी आयोग का इस बात पर फोकस रहता है कि मतदाताओं की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए सभी तरह की कोशिशें की जाए। इनमें मतदान का समय बढ़ाना भी एक पहल है।
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने मई-जून महीने में इस बार सामान्य से अधिक तापमान के रहने का अनुमान जताया है। ऐसे में लोकसभा के पांच चरणों के चुनाव इन दोनों ही महीनों में ही पड़ेगा। इन सभी चरणों में उन राज्यों के भी चुनाव होंगे, जहां गर्मी औसतन रूप से ज्यादा पड़ती है। मई और जून महीने में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण, चौथे चरण, पांचवे चरण, छठवें चरण और सातवें चरण के चुनाव होंगे। जो सात मई , 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून का होंगे।