डोनाल्ड ट्रंप ने अपने वार्षिक बजट में प्रस्ताव दिया है कि पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए दिए जाने वाले अनुदान को कर्ज में तब्दील कर देना चाहिए. हालांकि ट्रंप प्रशासन ने इस मुद्दे पर अंतिम फैसला विदेश मंत्रालय पर छोड़ दिया है. ट्रंप के इस कदम को विदेशी मदद के बजट कम करने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है. ताकि अमेरिकी सेना के बढ़े हुए खर्च को पूरा करने में मदद मिल सके.
और भी देशों के लिए ऐसा प्रस्ताव
अमेरिका का ये प्रस्ताव अकेले पाकिस्तान के लिए नहीं है. व्हाइट हाउस में बजट प्रबंधन कार्यालय के निदेशक मिक मुलवाने ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान समेत कई देशों के लिए ये प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने बताया कि जिन देशों के साथ विदेशी सैन्य वित्तपोषण कार्यक्रम चल रहा है, उस मदद को बदलकर वित्तीय कर्ज कर देने का प्रस्ताव दिया गया है.
व्हाइट हाउस ने बताया कि यह एक विकल्प है. व्हाइट हाउस ने कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो यह सैन्य उपकरण खरीदने के लिए पाकिस्तान को दिए जाने वाले मूल वित्तीय अनुदान के रूप में ही तब्दील हो जाएगा. अमेरिका का मानना है कि ये आर्थिक मदद अनुदान के रूप में दी जाए या कर्ज के लिए सब्सिडी के तौर पर, इसका फैसला विदेश मंत्रालय करेगा. हालांकि इस्राइल और मिस्र जैसे देशों के लिए अमेरिका की सैन्य मदद अनुदान के रूप में ही जारी रहेगी. बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप सरकार का ये पहला वार्षिक बजट है.