भाजपा की मनोहर लाल सरकार ने कुछ दिन पहले जजपा के साथ गठबंधन तोड़ इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नायब सिंह सैनी को नया सीएम बनाया गया था। सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। उन्होंने विधानसभा में बहुमत भी हासिल कर लिया है।
हरियाणा में मुख्यमंत्री पद पर नायब सिंह सैनी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले में हरियाणा सरकार, केंद्र सरकार, विधानसभा अध्यक्ष और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका में आरोप लगाया था कि नायब सिंह की मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त नियमों के खिलाफ जाकर की गई है। हर शरण वर्मा बनाम उत्तर प्रदेश व अन्य मामले का हवाला देते हुए याची ने कहा कि राज्यपाल अनुच्छेद 164 के तहत राज्य की विधानसभा के बाहर के किसी व्यक्ति को मंत्री पद पर नियुक्त नहीं कर सकते हैं। सैनी अभी सांसद हैं और ऐसे में वह विधानसभा का हिस्सा नहीं है।
इसके अतिरिक्त यह भी कहा कि हरियाणा की विधानसभा में 90 सीट हैं और यदि नायब सैनी को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया जाता है तो यह संख्या बढ़ कर 91 हो जाएगी। याचिका में कहा गया कि सैनी की नियुक्ति संवैधानिक नियमों की अवहेलना कर की गई है। सैनी की नियुक्ति नहीं बल्कि इंस्टॉलेशन की गई है जिससे खुलेआम संविधान का मजाक उड़ाया गया है। इससे पहले 2019 में याची ने हरियाणा में उप मुख्यमंत्री पद पर दुष्यंत चौटाला की नियुक्ति को भी चुनौती दी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
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