फरीदकोट की अदालत में जज के खिलाफ उसके एक रिश्तेदार ने भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग कर करोड़ों की जायदाद बनाने का आरोप लगााते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट से करवाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह याचिका की कॉपी रजिस्ट्रार को मुहैया करवाएं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक केस में दिए आदेशों के तहत अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
याचिका महावीर कुमार ने दायर की है जो जज के करीबी रिश्तेदार हैं। याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया है कि वह फरीदकोट के उक्त जज का चचेरा भाई है। जब याचिकाकर्ता को जज के आचरण और भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी मिली तो उसने उससे दूरी बना ली। इसके बाद जब याचिकाकर्ता को पता लगा कि जज ने उसके बेटे और सास के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी है तो उसे शक हो गया। जांच करने पर पता लगा कि उक्त जज ने दो दर्जन से अधिक संपत्तियों में निवेश किया हुआ है। संपत्तियों की जानकारी इकट्ठा करने के बाद याचिकाकर्ता ने ई.डी. के पास पहुंच की। जज के खिलाफ 23 सितंबर 2022 को शिकायत दर्ज करवाई गई थी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट को अपील की गई थी कि ई.डी. को इस मामले में जज के खिलफ जांच करने के आदेश दिए जाएं।
याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका की कॉपी रजिस्ट्रार को सौंपने का आदेश दिए है। साथ ही ई.डी. को दी गई शिकायत की पोस्टल स्टैंप भी पेश करने के आदेश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि विजय मदनलाल बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियां हैं, जिसके अनुसार जज के खिलाफ जांच का आदेश जारी नहीं कर सकता। अदालत ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता अदालत के सामने सबूत पेश करता है तो कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है।