देश में चालू कैलेंडर वर्ष में जुलाई-सितंबर अवधि यानी तीसरी तिमाही में आवासीय संपत्तियों में संस्थागत निवेश 71% बढ़कर 29.83 करोड़ डॉलर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में निवेश 17.43 करोड़ डॉलर रहा था।
रियल एस्टेट सलाहकार वेस्टियन की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, रियल एस्टेट क्षेत्र को तीसरी तिमाही में 67.99 करोड़ डॉलर का संस्थागत निवेश मिला है। यह 2022 की समान तिमाही के 37.43 करोड़ डॉलर से 82 फीसदी अधिक है। हालांकि, विदेशी निवेश में गिरावट से जुलाई-सितंबर में एक साल पहले के मुकाबले कुल संस्थागत निवेश 57 फीसदी घटा है। तीसरी तिमाही में कुल संस्थागत निवेश में घरेलू निवेशकों का हिस्सा बढ़कर 71 फीसदी पहुंच गया। वहीं, विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी पिछले साल की समान अवधि के 55 फीसदी से घटकर 27 फीसदी रह गई है।
पी नोट्स के जरिये निवेश छह साल के शीर्ष पर
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश सितंबर अंत तक बढ़कर छह साल के उच्च स्तर 1.33 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। लगातार सातवें महीने पी-नोट्स निवेश मासिक आधार पर बढ़ा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार यह जुलाई, 2017 में 1.35 लाख करोड़ के बाद पी-नोट्स के जरिये निवेश का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।