बहुजन समाज पार्टी से निकाले गये दिग्गज नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी गुरुवार शाम को कुछ बड़ा खुलासा कर सकते हैं. सिद्दीकी बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर कुछ बता सकते हैं. आपको बता दें कि हाल ही में सतीश मिश्रा ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी से बाहर निकालने का ऐलान किया था. दोनों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था.
इससे पहले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर पलटवार किया था. सिद्दीकी ने मायावती पर भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन के आरोप साबित करने का दावा किया था. साथ ही सिद्दीकी ने मायावती के प्रति अपनी वफादारी को भावुक अंदाज में बयां किया है. प्रेस रिलीज के जरिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि, ‘जो आरोप मेरे ऊपर लगाये गए हैं, वो सभी आरोप मैं सबूत के साथ मायावती एंड कंपनी के खिलाफ साबित कर दूंगा.’
गुरुवार शाम वह एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती के बारे में कुछ खुलासा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने इसकी तैयारी कर रखी है और वह अपनी बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबूतों के साथ रखेंगे. उधर बीएसपी नसीमुद्दीन सिद्दीकी को निकालने के बाद जल्द ही विधान परिषद में अपने नए नेता के नाम का ऐलान कर सकती है. माना जा रहा है की पार्टी गुरुवार शाम तक नसीमुद्दीन को विधान परिषद के नेता पद से हटाने का पत्र जारी करेगी और नए नेता का नाम भेजेगी.
स्वाति सिंह मामले में भी नसीमुद्दीन की बढ़ सकती है मुश्किलें
नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ स्वाति सिंह और उनकी बेटी पर अभद्र टिप्पणी मामले में पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है और जल्द ही वो चार्जशीट सौंप सकती है. बसपा नेता राम अचल राजभर और मेवालाल गौतम के खिलाफ भी हज़रतगंज पुलिस ने चार्जशीट तैयार की है. ऐसे में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ना तय है. हालांकि तमाम नजरें नसीमुद्दीन सिद्दीकी के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं कि आखिर नसीमुद्दीन, मायावती के खिलाफ कौन-सा सबूत लाते हैं, जिसमें उनके खिलाफ पैसे लेने का आरोप साबित होता है.
‘दिया वफादारी का उदाहरण’
अपनी सफाई में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि, ‘बसपा का साथ थामने के साथ से लेकर अब तक मैंने मायावती के लिए बहुत कुर्बानियां दीं. मायावती के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के नसीमुद्दीन ने एक उदाहरण दिया.
भावुक हुए थे सिद्दीकी
सिद्दीकी ने लिखा, ‘1996 में यूपी विधानसभा के चुनाव थे. मायावती जी बदायूं की बिल्सी सीट से चुनाव लड़ रही थीं. मैं चुनाव प्रभारी था. चुनाव के दौरान मेरी इकलौती बड़ी बेटी गंभीर रूप से बीमार हो गई. वो बांदा में थी. मेरी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था. उसने फोन पर बताया कि बेटी की आखिरी सांस चल रही है, आप आ जाओ. मैंने मायावती जी को ये बताया. उन्होंने चुनाव खराब होने का हवाला देते हुए मुझे जाने से रोक दिया. मैं नहीं गया. मेरी इकलौती बेटी का ईलाज के अभाव में इंतकाल हो गया. मैं अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं गया और मायावती जी का चुनाव लड़ाता रहा. मैं अपनी बेटी की सूरत तक नहीं देख सका.’ ये भावुक अपील करते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मेरे वफादारी का सिला मुझे पार्टी से बाहर निकालक दिया गया है.
मुसलमानों के ऊपर लगाए गलत आरोप
नसीमुद्दीन ने चुनाव में बीएसपी की हार का भी जिक्र किया. सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मायावती अपनी गलत नीतियों के कारण 2009 लोकसभा चुनाव, 2012 विधानसभा चुनाव और 2014 लोकसभा चुनाव हारीं. और उन्होंने मुसलमानों के ऊपर गलत आरोप लगाए.