याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि सरकार को आदेश दिया जाए कि याचिकाकर्ताओं को नियमित करने पर निश्चित समय में निर्णय लिया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट से पंजाब सरकार ने फिर से समय मांगा तो हाईकोर्ट ने अंतिम मौका देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
2006 से अनुबंध के आधार पर काम कर रहे 1186 फार्मासिस्टों को नियमित करने को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फैसला लेकर 10 दिन में सूचित करने का आदेश दिया है। सात साल से लंबित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फार्मासिस्टों को लेकर अभी तक किए गए प्रयासों का ब्योरा सौंपने का भी आदेश दिया है।
मामले में 200 से अधिक फार्मासिस्टों की ओर से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया गया कि वह 2006 से अनुबंध के आधार पर काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी सेवा नियमित करने पर फैसला नहीं लिया गया। यह याचिका 2016 में दाखिल की गई थी और तब से सरकार हर तारीख पर यह कह देती है कि याचिकाकर्ताओं को नियमित करने का मामला विचाराधीन है।
अभी तक सरकार की ओर से इस मामले में कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है। याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि सरकार को आदेश दिया जाए कि याचिकाकर्ताओं को नियमित करने पर निश्चित समय में निर्णय लिया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट से पंजाब सरकार ने फिर से समय मांगा तो हाईकोर्ट ने अंतिम मौका देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। हाईकोर्ट ने अब अगली सुनवाई पर यह भी बताने का आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं को न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है या नहीं।