DGCA ने एयरलाइन स्पाइसजेट को निगरानी के तहत रखने का फैसला किया.. 

अधिकारी के मुताबिक जो निगरानी बढ़ाई गई है उसमें रात्रि निगरानी और स्पाट चेकिंग शामिल है। अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय दबावों के कारण उड़ान संचालन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े।

HIGHLIGHTS

  1. सर्विलांस के तहत रात्रि निगरानी और स्पाट चेकिंग शामिल।
  2. वित्तीय समस्याओं का सामना कर रही है विमानन कंपनी।

नई दिल्ली, पीटीआई। विमानन नियामक डीजीसीए ने वित्तीय समस्याओं का सामना कर रही बजट एयरलाइन स्पाइसजेट को निगरानी के तहत रखने का फैसला किया है। हालांकि विमानन कंपनी ने नियामक द्वारा उठाए गए इस तरह के किसी भी कदम की जानकारी से इन्कार किया है। नियामक द्वारा उठाया गया यह कदम ऐसे समय और महत्वपूर्ण हो जाता है जब पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने स्पाइसजेट से अपने विमान वापस मांगे हैं।

कंपनी का दाव

हालांकि, कंपनी ने कुछ मामलों को अपने स्तर पर सुलझा लेने का दावा किया है। बता दें कि गो-फ‌र्स्ट पहले ही दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक अधिकारी ने बताया कि स्पाइसजेट को तीन सप्ताह से अधिक समय तक निगरानी में रखने का फैसला लिया गया है। यह एक सतत प्रक्रिया है।

अधिकारी ने दी जानकारी

अधिकारी के मुताबिक जो निगरानी बढ़ाई गई है, उसमें रात्रि निगरानी और स्पाट चेकिंग शामिल है। अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय दबावों के कारण उड़ान संचालन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े और सुरक्षा में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जाए।

सुरक्षा दायित्व पर ध्यान देने के लिए हो रही निगरानी

अधिकारी ने कहा कि बढ़ी हुई निगरानी यह जांचने के लिए भी है कि सुरक्षा दायित्व पूरे किए जा रहे हैं या नहीं। हालांकि जब इस मुद्दे पर कंपनी से संपर्क किया गया तो उसके प्रवक्ता ने इस तरह की किसी जानकारी से इन्कार किया। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि एयरलाइन को डीजीसीए से इस संबंध में किसी तरह का कोई पत्र या ई-मेल नहीं मिला है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com