मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोमवार को सरकार की अन्न भाग्य योजना के तहत लाभार्थियों को अतिरिक्त पांच किलो चावल के बदले नकद भुगतान की शुरुआत की। यह योजना सोमवार को राज्य के दो जिलों मैसुरु और कोलार में शुरू की गई। राज्य के बाकी सभी जिलों में भी यह योजना इसी महीने में शुरू की जाएगी। इस योजना से कुल 4.42 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोमवार को सरकार की ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत लाभार्थियों को अतिरिक्त पांच किलो चावल के बदले नकद भुगतान की शुरुआत की। यह योजना सोमवार को राज्य के दो जिलों मैसुरु और कोलार में शुरू की गई। राज्य के बाकी सभी जिलों में भी यह योजना इसी महीने में शुरू की जाएगी।
कुल 4.42 करोड़ लोगों को फायदा
सीएम सिद्दरमैया ने कहा कि इस योजना से कुल 4.42 करोड़ लोगों को फायदा होगा। इस योजना पर प्रति वर्ष कुल 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि हमने जुलाई में योजना शुरू करने का वादा किया था। प्रति व्यक्ति 34 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 170 रुपये प्रति माह देने का फैसला किया गया था। इस बीच सरकार ने खुले बाजार से चावल खरीदने के लिए टेंडर भी मंगाए हैं।
भाजपा पर गंदी राजनीति का आरोप
केंद्र की भाजपा सरकार पर गंदी राजनीति का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पर्याप्त स्टाक होने के बावजूद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के माध्यम से खरीदे गए ‘अन्न भाग्य’ योजना के लिए आवश्यक मात्रा में मिलने वाले चावल से राज्य को वंचित किया गया।
कांग्रेस ने क्या कुछ आरोप लगाए?
कांग्रेस ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने का वादा किया है। हालांकि, राज्य अभी तक बीपीएल परिवारों के प्रत्येक सदस्य को महज पांच किलो चावल ही उपलब्ध करा पाया है, जिसकी आपूर्ति केंद्र द्वारा की जा रही है।
केंद्र ने कहा कि वह अतिरिक्त पांच किलो चावल नहीं उपलब्ध करा सकता है। हालांकि, कर्नाटक सरकार का कहना है कि वह इसे भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम और नेफेड जैसे केंद्रीय संस्थानों से खरीदने के लिए तैयार है।
हाल ही में केंद्र ने खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है।