AAP की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर देश को बचाना है तो सबसे पहले कांग्रेस को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह तीसरी बार राहुल गांधी पर दांव नहीं लगाएगी और विपक्ष को मजबूर नहीं करेगी। प्रियंका ने कहा कि देश के हित में यह संविधान बचाने से भी अधिक महत्वपूर्ण है।

HighLights
- दिल्ली अध्यायदेश मुद्दे के बाद अब AAP ने कांग्रेस के सामने रखी नई शर्त
- AAP ने कहा- विपक्षी एकता तभी संभव है, जब कांग्रेस राहुल गांधी पर तीसरी बार दांव नहीं लगाएगी
- AAP ने कांग्रेस के संविधान बचाने के मिशन पर किया कटाक्ष
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। विपक्षी एकता पर आम आदमी पार्टी ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। अगर कांग्रेस संसद में दिल्ली अध्यादेश का विरोध नहीं करती है तो AAP कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष का हिस्सा नहीं बनेगी। अब AAP ने कांग्रेस के सामने एक नई शर्त रखी है। पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा है कि कांग्रेस को राहुल गांधी को तीसरी बार नेता के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करना चाहिए।
AAP ने कांग्रेस पर किया कटाक्ष
AAP नेता ने कांग्रेस के संविधान को बचाने के मिशन पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर देश को बचाना है तो सबसे पहले कांग्रेस को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह तीसरी बारपर दांव नहीं लगाएगी और विपक्ष को मजबूर नहीं करेगी। देश के हित में, यह संविधान को बचाने से भी अधिक महत्वपूर्ण है।
एकजुट विपक्ष पर AAP की सख्त बातें
AAP प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह ने 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में बुलाई गईमें भाग लिया। AAP नेता संयुक्त बयान के लिए बैठक में नहीं रुके और दोपहर के भोजन के बाद वापस दिल्ली चले गए। दिल्ली से AAP ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर AAP का समर्थन नहीं करती है तो कांग्रेस के साथ कोई भी गठबंधन करना बहुत मुश्किल होगा।
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