उत्तराखंड के पौड़ी में भाजपा नेता और पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक मुस्लिम युवक के साथ 28 मई को होने वाली अपनी बेटी की शादी अब रद्द कर दी है। सोशल मीडिया पर शादी के कार्ड की फोटो वायरल होने से विवाद छिड़ गया था। हिंदूवादी संगठनों के भारी विरोध और ऑनलाइन प्रतिक्रियाओं के बाद बेनाम ने दूल्हे के परिवार के साथ आपसी सहमति से अपनी बेटी की शादी तोड़ने का फैसला लिया है।
पौड़ी नगर निगम के अध्यक्ष और पूर्व विधायक यशपाल ने शनिवार को मीडियाकर्मियों से कहा, 28 मई को होने वाली शादी का कार्यक्रम अब रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं नहीं चाहता था कि मेरी बेटी की शादी पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा में हो। मैं जनभावनाओं का सम्मान करता हूं। बेनाम ने कहा कि शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से तय हुई थी, लेकिन कुछ बातों के सामने आने के बाद इसे तोड़ना पड़ा।
उन्होंने कहा, ”मेरी बेटी की शादी एक मुस्लिम युवक से होने वाली थी। बच्चों की खुशी और भविष्य को देखते हुए दोनों परिवारों ने उनकी शादी कराने का फैसला किया था, क्योंकि यह 21वीं सदी है और हमारे बच्चे जिससे चाहें शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं। शादी के लिए कार्ड भी छपवाए और बांटे गए। शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शादी को लेकर कई तरह की बातें और आपत्तियां सामने आईं।”
उन्होंने कहा, “एक पिता होने के नाते, मैंने अपनी बेटी के प्यार को स्वीकार किया। हम दूल्हे के परिवार के साथ बैठे और उनकी शादी कराने का फैसला किया, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में, क्योंकि मैं एक जनप्रतिनिधि और नगर पालिका (नगर पालिका) अध्यक्ष भी हूं, मेरी जिम्मेदारी भी मेरे लोगों के प्रति है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि एक खुशहाल और सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहे।”
बेनाम ने कहा कि संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें फोन किया था। “इस दुनिया में हर तरह के लोग हैं। कुछ ने मुझसे विनम्रता से बात की तो कुछ ने कठोर टिप्पणी की। लेकिन उनका गुस्सा उनके हिसाब से जायज है, जैसे मेरी बेटी के लिए मेरा प्यार मेरे हिसाब से जायज है… (दूल्हे का परिवार) अच्छे लोग हैं, और सिर्फ इसलिए कि वे मुस्लिम हैं, उनकी उपेक्षा करना अच्छी बात नहीं है। कई लोगों ने मुझे इस शादी के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इससे मेरा राजनीतिक करियर खतरे में पड़ जाएगा। लेकिन मैंने कहा कि मेरे लिए मेरी बेटी की खुशी महत्वपूर्ण है और मेरा राजनीतिक करियर अलग है।”
भाजपा नेता ने कहा कि विवाद बढ़ने के बाद आपसी सहमति से दोनों परिवारों ने फिलहाल शादी की रस्में नहीं करने का फैसला किया।
बेनाम पहले कांग्रेस के साथ रह चुके हैं, लेकिन एक दशक पहले पार्टी छोड़ दी थी। वह 2007 में पौड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के तीरथ सिंह रावत को हराकर निर्दलीय विधायक भी रह चुके हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों बेनाम की पुत्री मोनिका तथा उत्तर प्रदेश के अमेठी निवासी मोहम्मद मोनिस की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वहीं, विवाह कार्यक्रम रद्द होने का कोई कारण बताए बिना मोनिस के पिता रईस ने कहा कि भाजपा नेता बेनाम की बेटी के साथ 28 मई को होने वाला उनके बेटे का विवाह कार्यक्रम रद्द हो गया है।
अगर यह आपसी सहमति से हो रहा है तो कुछ भी गलत नहीं : राशिद अल्वी
हालांकि, भाजपा नेता यशपाल बेनाम द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति से अपनी बेटी की शादी रद्द करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि अगर शादी आपसी सहमति से हो रही थी, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
कांग्रेस नेता अल्वी ने कहा, “यह उनका निजी मामला है। उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। अगर लड़की आपसी सहमति से मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर रही थी तो मुझे कुछ भी गलत नहीं लगता।”
हिंदूवादी संगठनों ने किया था शादी का विरोध
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को हिंदूवादी संगठनों विश्व हिंदू परिषद, भैरव सेना तथा बजरंग दल ने कोटद्ववार तथा पौड़ी में मुस्लिम युवक के साथ भाजपा नेता की बेटी की शादी के विरोध में प्रदर्शन किया था और बेनाम का पुतला भी फूंका था।
विहिप (विश्व हिंदू परिषद) के पौड़ी के कार्यकारी जिलाध्यक्ष दीपक गौड़ ने ऐसे विवाह को गलत बताते हुए कहा था, ”बेनाम की बेटी को या तो इस्लाम धर्म कबूल कर लेना चाहिए या उनके होने वाले दामाद को हिंदू धर्म अपनाना चाहिए।”
पहले बेनाम यह अन्तरधार्मिक विवाह कार्यक्रम पौड़ी के प्रसिद्ध कंडोलिया मैदान में आयोजित करना चाहते थे, स्थानीय व्यापार मंडल के सदस्यों सहित अन्य लोगों ने इसका विरोध किया। बाद में बेनाम ने शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज के निकट स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में विवाह का आयोजन रखा और इसके लिए हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी का कार्ड भी छपवाया। हालांकि, 28 मई को तय यह विवाह कार्यक्रम रद्द हो गया है।