महाठग संजय राय शेरपुरिया पर लखनऊ के विभूतिखंड थाने में दर्ज एफआइआर को शासन ने स्थानांतरित की अब एसटीएफ को विवेचना सौंपी है। बता दें कि शेरपुरिया पीएम मोदी सहित बड़े बड़े नेताओं के साथ इंटरनेट मीडिया पर अपनी फोटो अपलोड कर लोगों पर धौंस जमाता था।
खुद की ऊंची पहुंच बताकर व्यापारियों से मोटी रकम वसूलने वाले संजय राय शेरपुरिया पर दर्ज एफआइआर की विवेचना अब एसटीएफ करेगी। इससे पहले विभूतिखंड पुलिस प्रकरण की विवेचना कर रही थी। गुरुवार को शासन के निर्देश पर विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित कर दी गई। लखनऊ पुलिस ने शेरपुरिया को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था। इस दौरान एसटीएफ ने भी आरोपित से पूछताछ की थी।
खास बात ये है कि इंटेलीजेंस के इनपुट पर एसटीएफ ने ही आरोपित को कानपुर से गिरफ्तार किया था। ईडी और एटीएस के अलावा अन्य एजेंसियों ने भी आरोपित से पूछताछ की थी। छानबीन में पता चला था कि आरोपित स्टेट बैंक आफ इंडिया अहमदाबाद से 349 करोड़ 12 लाख रुपये लोन लिए थे। फिर आरोपित ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था। इसके बाद से वह दिल्ली राइडिंग क्लब में कार्यालय बनाकर लोगों को झांसे में लेता था।
आरोपित के झांसे में आकर अनेकों नौकरशाह व नेताओं ने उससे दोस्ती कर ली थी। आरोपित नेताओं के साथ इंटरनेट मीडिया पर अपनी फोटो अपलोड कर लोगों को प्रभाव में लेता था। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक उसकी पहुंच की चर्चा थी। आरोपित के पकड़े जाने के बाद से उसके साझेदार भूमिगत हो गए हैं। वहीं परिवारजन का भी फोन बंद है। एसटीएफ का कहना है कि शेरपुरिया की संस्था व कंपनियों में जिन लोगों ने मोटी रकम भेजी थी, उनसे पूछताछ की जाएगी। एसटीएफ शेरपुरिया की पत्नी कंचन से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है।