भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों की समीक्षा के लिए होने वाली मौद्रिक नीति सीमित की बैठक सोमवार से शुरू हो गई है। ये बैठक तीन दिन (3,5 और 6 अप्रैल) तक चलेगी और इसमें होने वाले फैसलों का ऐलान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा गुरुवार (6 अप्रैल, 2023) को किया जा सकता है।

बढ़ सकती है ब्याज दर
इस बैठक में उम्मीद लगाई जा रही है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर से रेपो रेट में वृद्धि कर सकता है। हालांकि, ये वृ्द्धि 25 आधार अंक या फिर 0.25 प्रतिशत तक सीमित हो सकती है। इस संभावना के पीछे की वजह महंगाई दर का आरबीआई की तय अधिकतम सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर होना है।
आरबीआई के सामने ये होंगी चुनौतियां
इस बार की मौद्रिक नीति में आरबीआई के सामने कई चुनौतियां होने वाली हैं। इसमें महंगाई, बैंकों की वित्तीय स्थिरता, डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ाना और शेयर बाजार की स्थिरता शामिल है।
महंगाई दर 6 प्रतिशत से ऊपर
पिछले साल नवंबर और दिसंबर 6 प्रतिशत से कम रहने के बाद जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फिर फरवरी में 6.44 प्रतिशत पर आ गई थी। इसे आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2-6 प्रतिशत के बीच लाना एक बड़ी चुनौती है।
छह बार बढ़ा चुका है रेपो रेट
आरबीआई पिछले पिछले साल से लेकर फरवरी तक छह बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। आरबीआई ने मई 2022 में 0.40 प्रतिशत, जून में 0.50 प्रतिशत, अगस्त में 0.50 प्रतिशत, सितंबर में 0.50 प्रतिशत, दिसंबर में 0.35 प्रतिशत और फरवरी में 0.25 प्रतिशत का इजाफा किया था। इस कारण रेपो रेट बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गया है, जो कि मई 2022 में 4.00 प्रतिशत था।
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