साइबर ठगी के बहुत से मामले संज्ञान में आते हैं। ऐसे में यूजर की जरा सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। खासकर इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान यूजर को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
आए दिन ऑनलाइन ठगी के कई मामले देखने-सुनने को मिलते हैं। खास कर नई टेक्नोलॉजी जैसे एआई चैटबॉट के आने से ऑनलाइन ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। साइबर ठग अलग- अलग तरीकों का इस्तेमाल कर अपना जाल बिछाते हैं।
यही नहीं, कई बार असली लगने वाली वेबसाइट की तरह ही फेक वेबसाइट डेवलप की जाती है। इन वेबसाइट्स पर फेक सॉफ्टवेयर के डाउनलोडिंग लिंक्स शेयर किए जाते हैं। जैसे ही यूजर असली सॉफ्टवेयर समझ डाउनलॉडिंग लिंक पर क्लिक करता सेकंडों में मालवेयर की एंट्री पीसी में हो जाती है।
यह मालवेयर साइबर ठग को यूजर के डिवाइस का कंट्रोल देकर ठगी की राह आसान बना देता है। हालांकि, कुछ तरीकों से साइबर ठगी से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कौन से तरीके आपके काम आ सकते हैं-
अकाउंट के पासवर्ड होने चाहिए स्ट्रॉन्ग
यूजर को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में काम से जुड़े कई ऑनलाइड पासवर्ड सेट करने होते हैं। कई बार बैंकिग पासवर्ड भी ऑनलाइन की बनाए जाते हैं। बहुत से यूजर्स को पासवर्ड याद रखने में परेशानी आती है। वहीं कई सारे पासवर्ड याद रखना भी एक मुश्किल काम होता।
यही वजह है कि यूजर आसान पासवर्ड को सहूलियत के लिए सेट कर लेता है, जबकि ऑनलाइन पासवर्ड हमेशा यूनिक बनाने की ही सलाह दी जाती है। ऐसे पासवर्ड के लिए लेटर, सिंबल और नंबर के कॉम्बिनेशन का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
ईमेल को ठीक से चेक करना जरूरी
किसी भी यूजर के लिए एक ही दिन में ढेर सारे मेल आने एक कॉमन बात है। हालांकि, इनमें से कई मेल ऐसे होते है, जो यूजर के लिए किसी काम के नहीं होते।
ऐसे मेल से सावधान रहने की जरूरत दी जाती है, क्योंकि कई बार ऐसे मेल में यूजर को किसी तरह का कोई लालच देकर लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है। लिंक पर क्लिक करना, मालवेयर को एंट्री देना हो सकता है।
फोन को अपडेट रखना जरूरी
से बचने के लिए आपके फोन का अप टू डेट रहना भी जरूरी है। कई बार यूजर्स समय और नेट की बचत के लिए अपडेट को टाल देते हैं।
ऐसा करना किसी खतरे को खुद बुलावा देना हो सकता है। इसलिए सिस्टम द्वारा भेजे गए अपडेट को तुरंत इंस्टॉल करने की सलाह दी जाती है।