दिल्ली के अस्पतालों में पहले की तुलना में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। लोग तेज बुखार, बदन दर्द, प्लेटलेट्स कम होने जैसे लक्षण लेकर उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि, अस्पताल प्रशासन की ओर से डेंगू से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम का दावा किया जा रहा है। इसे लेकर हिन्दुस्तान की टीम ने पड़ताल की। पेश है रिपोर्ट
प्लेटलेट्स कम होने पर अस्पताल पहुंच रहे लोग
दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में डेंगू के 13 मरीज भर्ती हैं। इनमें पांच संदिग्ध हैं। संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट आनी बाकी है। भर्ती मरीजों का उपचार जारी है। ये प्लेटलेट्स कम होने पर अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे थे। इनमें कुछ दूसरे अस्पतालों से रेफर होकर भी आए हैं। इन मरीजों में तेज बुखार, बदन दर्द सहित कई दूसरे लक्षण हैं। लेकिन, सभी की हालत ठीक है। वहीं, अस्पताल की ओपीडी में भी मरीज तेज बुखार के लक्षण लेकर पहुंच रहे हैं। संदिग्ध दिखने पर जांच की सलाह दी जा रही है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। अगर जरूरत पड़ी तो कोविड के 450 बेड भी इस्तेमाल किए जाएंगे।
एक लाख से कम होने पर सतर्क हो जाएं
लोकनायक अस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रितु सक्सेना ने कहा कि डेंगू के मरीज बढ़ने का कारण बारिश और बदलता मौसम है। अगर अस्पताल में मरीज बढ़ते हैं तो प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है। अगर किसी मरीज को डेंगू के लक्षण हैं तो वह तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें। एक लाख से कम प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में चिंता की जरूरत होती है।
वार्ड को स्टोर रूम बना रखा था
डेंगू के मरीज बढ़ने के साथ ही दिल्ली सरकार और नगर निगम के अस्पतालों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। बावजूद इसके कड़कड़डूमा स्थित डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में बने डेंगू वार्ड को अस्पताल प्रशासन ने स्टोर रूम बनाया हुआ है। वार्ड पर एक प्लेट लगी है, जिस पर डेंगू वार्ड लिखा हुआ है। लेकिन, गेट पर ताला लटका है। कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि वार्ड में अस्पताल में प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाला सामान रखा गया है। चाबी स्टोर मैनेजर के पास रहती है। वहीं, डॉक्टरों का कहना था कि बुखार के मरीज उपचार के लिए आ जरूर रहे हैं, लेकिन अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि अलग वार्ड तैयार किया जाए।
एक की बीमारी से पहले जान जा चुकी
दिल्ली नगर निगम के स्वामी दयानंद अस्पताल में डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या जनवरी से अब तक करीब 100 रही है। अस्पताल के एचओडी डॉक्टर ग्लैडबिन त्यागी का कहना है कि अबतक डेंगू के 35 मरीजों की पुष्टि हुई है। जुलाई-अगस्त के अंत में डेंगू के एक मरीज की मौत भी हुई है। मौसम में बदलाव के बाद से सितंबर और अक्तूबर में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इनके लिए अलग से वार्ड तैयार किया गया है। उनके इलाज के लिए सभी तैयारियां अस्पताल में पूरी की जा चुकी हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल में 25 बेड तैयार किए जा चुके हैं। जरूरत पड़ी तो और बैड तैयार होंगे।
राजधानी में चार साल का रिकॉर्ड टूटा
दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। इससे पिछले चार साल का रिकॉर्ड टूट गया है। जनवरी से अब तक डेंगू मरीजों का आंकड़ा 950 के पार हो चुका है। वहीं, वर्ष 2027 में 341, वर्ष 2020 में 266, वर्ष 2019 में 358 जबकि वर्ष 2018 में 650 मामले आए थे।
एनसीआर का हाल
सरकारी अस्पताल के डेंगू वार्ड में लटके ताले
गाजियाबाद जिले में इस साल अब तक 281 डेंगू मरीज मिले हैं। रोजाना आठ से दस मरीज मिल रहे हैं। गाजियाबाद के जिला सरकारी अस्पताल और जिला संयुक्त अस्पताल में डेंगू वार्ड बना तो दिए गए हैं लेकिन कोई सुविधा नहीं हैं। वार्ड पर ताला लगा है। ऐसे में डेंगू के गंभीर मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। सरकारी ब्लड बैंकों में जंबो पैक की कोई व्यवस्था नहीं है।
शहर में 68 फीसदी मरीज बच्चे और किशोर
नोएडा में डेंगू के 68 प्रतिशत मरीज बच्चे और किशोर हैं। ज्यादातर का इलाज सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सालय में हो चुका है। दो मरीजों का इलाज चल रहा है। जिले में गुरुवार तक 47 डेंगू मरीजों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। इनमें से 32 मरीजों की उम्र 18 से कम है।
बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखें
– मच्छरदानी का उपयोग करें। ऐसे कपड़ें पहने जिससे शरीर का अधिक से अधिक अंग ढंका रहे।
– तेज गंध वाले तेल, शैंपू, का इस्तेमाल न करें।
– मच्छर भगाने के लिए डॉक्टरों द्वारा बताए गए क्रीम, दवा का उपयोग करें। घर में मच्छर आने से रोकने के लिए दरवाजों और खिड़कियों में जाली लगवाएं।