सोमवार से नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो रहा है। इन नौ दिनों में माता के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है। इससे पहले सभी पितरों को अमावस्या को पितृ-विसर्जन अमावस्या पर विदाई दी जाती है, इसके बाद नवरात्रि की तैयारी की जाती है। इससे पहले नवरात्रि की एकादशी का भी महत्व है। इंदिरा एकादशी का व्रत कल 21 सितंबर को रखा जाएगा। यहां पढ़ें एकादशी से लेकर अमावस्या श्राद्ध की लिस्ट
20 सितंबर (मंगलवार) आश्विन कृष्ण दशमी रात्रि 9 बजकर 27 मिनट तक उपरांत एकादशी। दशमी श्राद्ध।
21 सितंबर (बुधवार) आश्विन कृष्ण एकादशी रात्रि 11 बजकर 35 मिनट तक पश्चात द्वादशी। इंदिरा एकादशी व्रत सबका। एकादशी श्राद्ध।
22 सितंबर (गुरुवार) आश्विन कृष्ण द्वादशी रात्रि 1 बजकर 18 मिनट तक उपरांत त्रयोदशी, द्वादशी श्राद्ध।
23 सितंबर (शुक्रवार) आश्विन कृष्ण त्रयोदशी रात्रि 2 बजकर 31 मिनट तक उपरांत चतुर्दशी। त्रयोदशी श्राद्ध। मघा श्राद्ध।
24 सितंबर (शनिवार) आश्विन कृष्ण चतुर्दशी रात्रि 3 बजकर 13 मिनट तक पश्चात अमावस्या, चतुर्दशी श्राद्ध।
25 सितंबर (रविवार) आश्विन कृष्ण अमावस्या रात्रि 3 बजकर 25 मिनट। अमावस्या श्राद्ध।
26 सितंबर (सोमवार) आश्विन शुक्ल प्रतिपदा रात्रि 3 बजकर 9 मिनट तक, शारदीय नवरात्रारम्भ।
पं. वेणीमाधव गोस्वामी