भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के पर्व रक्षाबंधन को लेकर इस बार शुभ संयोग बन रहा है। बहनें सुविधा के मुताबिक 11 और 12 अगस्त को शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकेंगी। जो बहनें 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि यानी सुबह 7.26 बजे तक राखी नहीं बांध सकेंगी, उन्हें निराश नहीं होना है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, उदया तिथि में पूरे दिन राखी बांधना शुभ है।
ज्योतिर्विद पं. नरेंद्र उपाध्याय का कहना है कि लंबे समय बाद राखी बांधने का योग दो दिन है। 11 अगस्त को रात 8.25 बजे के बाद राखी बांधी जा सकती है। 12 का पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ है। हालांकि 12 अगस्त को सुबह 7.25 से पहले राखी बांधना अधिक शुभ कारक होगा। ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन का कहना है कि जरूरी होने पर बहनें 11 अगस्त को ही रात 8.25 बजे के बाद राखी बांध सकती है। लेकिन उदया तिथि यानी 12 अगस्त को सुबह 7.25 बजे तक राखी बांधना ज्यादा शुभ कारक है। दूर दराज रहने वाली बहनें या किसी अन्य वजह से 7.25 बजे तक राखी नहीं बांध पाने वाली बहनें निराश नहीं हों। उदया तिथि में पूरे दिन राखी बांधना शुभ है। कोशिश होनी चाहिए की सूर्यास्त से पहले भाई की कलाई पर राखी बांध लें।
ज्योतिषाचार्य पं. जोखन पांडेय शास्त्री का कहना है कि 11 अगस्त को सुबह 9:35 बजे भद्रा लगेगा। जो रात 8.25 बजे तक रहेगा। भद्रा में राखी नहीं बांधी जा सकती है। ऐसे में 11 अगस्त की रात्रि 8:26 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद से अगले दिन यानी 12 अगस्त की सुबह 7:25 बजे तक बहनें राखी बांध सकती हैं। कर्मकांड के विद्वान पं. शरद चंद्र मिश्र का कहना है कि 12 अगस्त का दिन शुभ है। इस दिन सौभाग्य योग बन रहा है। ऐसे में बहनें 12 को सूर्यास्त से पहले राखी बांध सकती हैं। उदया तिथि में पूरा दिन शुभ माना जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. जितेन्द्र पाठक ने बताया कि पूर्णिमा की उदयातिथि 12 अगस्त को सुबह 7:25 बजे तक है। इसलिए रक्षाबंधन का पुनीत पर्व 12 को ही मनाया चाहिए। यही शास्त्रत्त् सम्मत भी है।