गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें भी टीके अनिवार्य रूप से लगाए जाना चाहिए।
गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को कोरोना संक्रमण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें और कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। जुलाई माह में कोरोना से हो चार मौत हुई है। ये चारों ही लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। डाक्टरों के मुताबिक कोई रक्त की गंभीर बीमारी से पीड़ित था तो किसी को किडनी की बीमारी थी। गंभीर बीमारियों से लड़ते-लड़ते उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी कम हो चुकी थी कि कोविड-19 वायरस ने आसानी से उन्हें अपना शिकार बना लिया।
जुलाई में अब तक हुई चार मौत में 27 और 35 वर्षीय महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से एक को रक्त की गंभीर बीमारी थी। वह कई सालों से इससे जूझ रही थी। दूसरी महिला के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। स्वजन ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां जांच में पता चला कि महिला कोरोना संक्रमित है। उसे इलाज के लिए दूसरे अस्पताल शिफ्ट किया गया जहां कोरोना के इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। महिलाओं को कोरोना के टीके भी लग चुके थे लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत
श्वसन तंत्र विशेषज्ञ डा. रवि डोसी के मुताबिक किसी भी बीमारी को हल्के में न लें। किसी व्यक्ति को अगर कोई पुरानी बीमारी है तो उसे कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। ऐसे लोग सार्वजनिक स्थानों पर न जाएं। बहुत अनिवार्य होने पर ही घर से निकलें और मास्क का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें। देखने में आ रहा है कि संक्रमण की तीव्रता कम होने के साथ-साथ लापरवाही बढ़ने लगी है। यह खतरनाक है। यह भी जरूरी है कि कोरोना के टीके अनिवार्य रूप से सभी लोगों को लग जाएं। जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें भी टीके अनिवार्य रूप से लगाए जाना चाहिए।