Presidential Election Sri Lanka: श्रीलंका में आपातकाल घोषित (Sri Lanka Declares Emergency) कर दिया गया है. भारत के इस समुद्री पड़ोसी देश के हालात बेकाबू हैं. राष्ट्रपति आवास के बाद अब प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हो चुके हैं. देश में जारी भारी आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच श्रीलंका में अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 20 जुलाई को संसद की मंजूरी मिलने के बाद बन रहे समीकरणों के हिसाब से तीन तरफा लड़ाई होने वाली है. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (SLPP) के सांसद डलेस अलहप्परुमा और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा गुप्त मतदान में राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन पत्र जमा करने पर विचार कर रहे हैं.
तीस साल बाद ऐसे हालात!
डेली मिरर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति का पद श्रीलंका के इतिहास में पहले भी खाली हुआ था, जब 1 मई 1993 को राष्ट्रपति आर प्रेमदासा की हत्या हुई थी. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद अब यह पद लगभग खाली हो गया है. इससे पहले श्रीलंका में ऐसे हालात करीब तीस साल पहले बने थे. बताते चलें कि देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए संसद 20 जुलाई को गुप्त मतदान करेगी.
नए राजनीतिक समीकरण
सूत्रों के मुताबिक, विक्रमसिंघे वर्तमान राष्ट्रपति पद के बाकी कार्यकाल को पूरा के लिए इस पद के लिए चुनाव लड़ेंगे. एसएलपीपी का एक वर्ग उनका समर्थन करने की योजना बना रहा है, जबकि एसएलपीपी का एक अन्य गुट, जिसमें 10-पार्टी गठबंधन भी शामिल है, अलहप्परुमा का समर्थन करने की ठान चुका है.
डेली मिरर ने बताया कि इससे पहले समागी जन बालवेगया ने घोषणा की थी, कि साजिथ प्रेमदासा इसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होंगे. जानकार सूत्रों के मुताबिक, जनता विमुक्ति पेरामुन (JVP) पार्टी का कहना है कि संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को नियुक्त किया जाना चाहिए.