ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अधिकारियों के प्रति कड़े तेवर दिखे। उन्होंने अस्थाई व्यवस्था और बिजली संकट पर विभाग के बैकअप प्लान को लेकर नाराजगी जताई। अधिकारियों को 24 घंटे के अंदर समाधान के निर्देश दिए। वहीं इस संबंध में मुख्य सचिव ने भी दिए कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं।

बिजली कटौती को रोस्टिंग का समय निर्धारित नहीं
रुड़की: देहात में सात और शहर में पांच घंटे की बिजली कटौती ने उपभोक्ताओं की परेशानी को बढ़ा दिया है। हालात यह है कि ऊर्जा निगम हर दिन बिजली कटौती कर रहा है। लेकिन, कटौती का समय निर्धारित नहीं कर रहा है।
गुरुवार को देहात क्षेत्र में सात और शहर में पांच घंटे की बिजली कटौती हुई है। मार्च के अंतिम सप्ताह से ही गर्मी का प्रकोप बढऩा शुरू हो गया था। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति ने भी आंख मिचौनी करना शुरू कर दिया था।
बुधवार को रात्रि आठ बजे के बाद बिजली आपूर्ति सुचारू हुई। लेकिन, इसके बाद फिर से बिजली के आने-जाने का सिलसिला बना रहा। गुरुवार को सुबह के समय शहर के कई हिस्सों की बिजली गुल हो गई। बताया गया कि सुबह मेंटिनेंस के चलते आपूर्ति बाधित हुई है। इसके बाद शाम तीन बजते ही शहर के सभी बिजलीघरों से आपूर्ति बंद हो गई। उपभोक्ताओं ने निगम के अधिकारियों से जानना चाहा कि बिजली कटौती कब तक रहेगी। लेकिन, कोई भी जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद देर शाम तक बिजली कटौती का यह सिलसिला जारी रहा।
वहीं लंढौरा में भी शाम तीन बजे के बाद से बिजली गुल रही। भगवानपुर में छह घंटे बिजली कटौती रही है। वहीं कलियर में पहले सुबह दस बजे बिजली गुल हुई। इसके बाद दोपहर सवा दो बजे आपूर्ति सुचारू हुई। इसके बाद फिर से बिजली गुल हो गई। इसी तरह से मंगलौर में सुबह छह बजे से आठ बजे तक और फिर डेढ़ बजे से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। झबरेड़ा में भी सात घंटे की बिजली कटौती से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। देहात क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित।
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