भारतीय क्रिकेट में सबसे सम्मानित शख्सियतों में से एक सौरव गांगुली का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष के रूप में सफर काफी कठिन रहा है। कोरोना के कारण पिछले साल दो साल में क्रिकेट काफी प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से कई सीरीज और टूर्नामेंट रद और स्थगित हुए हैं। गांगुली 2019 में दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष बने थे। महिला क्रिकेटरों के उत्थान की बात हो या घरेलू खिलाड़ियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत, पिछले ढाई साल में ऐसे ही काफी मामलों पर बात हुई है।
कई मौकों पर गांगुली के शासनकाल की सराहना हुई तो कई बार आलोचना भी हुई है। इस बीच स्पोर्टस्टार के साथ बातचीत में जब गांगुली से उनके बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के बारे में पूछा गया, तो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने कहा कि यह लोगों को आंकना है। लोग इसका फैसला करेंगे कि उनका कार्यकाल कैसा रहा। हालांकि, दादा ने यह भी कहा कि यह भी ध्यान में रखना होगा कि उनका अधिकांश कार्यकाल कोविड से प्रभावित रहा है।
गांगुली ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह अधिक चुनौतीपूर्ण है। मेरा कार्यकाल कैसा रहा? मैं इसे अभी नहीं बता पाऊंगा। देखते हैं क्या होता है। मेरा कार्यकाल कैसा रहा इसका फैसला लोगों आप सभी पर निर्भर है। लेकिन पिछले दो वर्षों में कोविड -19 के कारण परिस्थितियां कठिन रही हैं। महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है और हम भाग्यशाली हैं कि हम अभी भी अधिकांश क्रिकेट खेलने का प्रबंधन कर सकते हैं।
विमेंस आइपीएल एक ऐसी परियोजना है, जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। इसके अलावा गांगुली और विराट कोहली ने टीम इंडिया की कप्तानी को लेकर जिस तरह का बयान दिया, उसे लेकर बीसीसीआइ अध्यक्ष का काफी आलोचना हुई। दादा के बयान से विपरित बात बोलकर कोहली ने विवाद पैदा कर दिया था। इसके चलते कोहली और बोर्ड के बीच सबकुछ ठीक न होने की बातें सामने आई थी।