रायपुर: केंद्र की मोदी सरकार से अधूरी मांगों के पूरा होने का औपचारिक पत्र मिलने के बाद किसान घर वापसी करने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही कृषि कानूनों को लेकर सिंघु बॉर्डर पर जारी किसानों का आंदोलन भी खत्म हो चुका है। किन्तु छत्तीसगढ़ के सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने शुक्रवार को एक नया राग छेड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि किसानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ हुआ है, यह केवल होल्ड हुआ है।

छत्तीसगढ़ सीएम ने कहा कि किसानों ने अपना आंदोलन खत्म नहीं किया है, बल्कि इसे कुछ समय के लिए होल्ड कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान सबसे पहले सरकार के प्रस्ताव को देखेंगे। ऐसे में फिर वही कयास शुरू हो गए हैं कि क्या किसान आंदोलन, कांग्रेस की फंडिंग और इशारे पर चल रहा था, जो किसानों द्वारा आंदोलन ख़त्म होने के ऐलान के बाद भी कांग्रेस नेता आंदोलन के ख़त्म न होने की बात कह रहे हैं। और आखिर क्यों कांग्रेस के नेता नहीं चाहते कि आंदोलन ख़त्म हो ? बता दें कि किसानों ने बुधवार को अपना आंदोलन बंद करने का ऐलान कर दिया है। इस संबंध में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमने अपना आंदोलन खत्म करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को हम आंदोलन स्थलों को भी खाली कर देंगे।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान गत वर्ष 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सरहदों पर धरना दे रहे थे। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ऐलान करने के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा से कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। बता दें कि पीएम मोदी द्वारा टीवी पर माफी मांगने और कृषि कानून रद्द करने की बात कहने के बाद भी किसान धरनास्थलों पर जमे हुए थे। उनका कहना था कि जब तक कृषि कानून संसद से वापस नहीं ले लिए जाते वह यहां से नहीं हटेंगे।
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