लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी से निष्काषित विधायकों के बीते दिनों समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती लगातार सपा पर हमलावर हैं। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को दो ट्वीट से से समाजवादी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने समाजवादी पार्टी पर देश के महान दलित व पिछड़ों के संतों तथा गुरुओं का तिरस्कार करने का बड़ा आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी शुरू से ही दलितों व पिछड़ों में जन्मे महान संतों, गुरुओं की तिरस्काती रही है। उन्होंने कहा कि इसका खास उदाहरण फैजाबाद जिले में से बनाया गया अम्बेडकर नगर है। भदोही को नया जिला संत रविदास नगर बनाने का भी विरोध किया तथा इसका नाम भी समाजवादी पार्टी की सरकार ने बदल दिया था।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के अनेकों संस्थानों व योजनाओं आदि के नाम जातिवादी द्वेष के कारण समाजवादी पार्टी की सरकार ने बदले थे। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी से उनकी व उनके मानने वालों के प्रति आदर-सम्मान व सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चाहे अब यह पार्टी इनके वोट की खातिर कितनी भी नाटकबाजी क्यों ना कर ले। जनता को इनके मंसूबों को समझना पड़ेगा।
इससे पहले भी मायावती ने कहा था कि बसपा व अन्य विरोधी पार्टियों के भी निष्कासित लोगों को समाजवादी पार्टी में शामिल करने से इस पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढऩे वाला नहीं है। इससे यह और भी घटता व कमजोर होता हुआ ही चला जाएगा। सपा को यह मालूम होना चाहिये कि ऐसे स्वार्थी व दलबदलू किस्म के लोगों को लेने से, इनकी खुद की अपनी पार्टी में टिकटार्थी लोग अब बहुत गुस्से में हैं। इनमें से भी अब तो बसपा के सम्पर्क में हैं। वैसे भी वह चुनाव में अन्दर-अन्दर इस पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाने वाले हैं।