उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस की सीधी लड़ाई, जीत के लिए BJP अपनाएगी ये रणनीति

उत्तराखंड में मौजूदा विधानसभा में अपने तीसरे मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा चुनावों का सामना करने जा रही भाजपा का प्रचार अभियान कमल निशान पर केंद्रित रहेगा। पार्टी नहीं चाहती है कि यहां पर चेहरे के नाम पर चुनाव लड़ा जाए। उसे कमल निशान और सामूहिक नेतृत्व में ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है। उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच लगभग सीधी लड़ाई है। ऐसे में नेतृत्व से ज्यादा दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी होती है। चूंकि भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अभी नए हैं, ऐसे में वह उन पर न तो ज्यादा बहुत दबाब डालना चाहती है और न ही उनके चेहरे पर बड़ा दांव लगाने जा रही है। 

दरअसल कांग्रेस अपने बड़े नेता हरीश रावत को आगे कर रही है और उसकी कोशिश है कि चुनाव धामी बनाम हरीश रावत हो, जिसमें हरीश रावत भारी पड़े। भाजपा कांग्रेस की इस चाल को समझ रही है और वह इसकी काट के लिए अपने चुनाव अभियान को सामूहिक नेतृत्व से मजबूत कर रही है और कमल निशान को अपने अभियान का केंद्र बना रही है।

भाजपा यह रणनीति अन्य विधानसभा चुनावों में भी अपना चुकी है, जिसमें उसे सफलता भी मिली है। उत्तराखंड में तो भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एकदम नए हैं और उनको अभी अपनी नेतृत्व क्षमता भी साबित करनी है। ऐसे में पार्टी चुनावी जीत के लिए सभी नेताओं को एकजुट कर मैदान में उतरेगी। साथ ही धामी के नए चेहरे का लाभ उठाने की कोशिश करेगी। सूत्रों के अनुसार भाजपा को पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है, जबकि मैदानी और तराई के क्षेत्रों में मौजूदा राजनीतिक हालातों में थोड़ा-बहुत नुकसान हो सकता है।

चूंकि दोनों दलों के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं रहता इसलिए पार्टी पूरी ताकत से अपनी सरकार बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। राज्य में आम आदमी पार्टी भी इस बार प्रभावी दस्तक देने की कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी मैदानी और तराई के इलाकों में कुछ चीजों पर असर डाल सकती है। इससे भाजपा को ज्यादा नुकसान नहीं होगा, बल्कि भाजपा विरोधी वोटों के विभाजन से उसे लाभ ही मिल सकता है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आम आदमी पार्टी को महत्वपूर्ण कारक नहीं मान रहे हैं।

उत्तराखंड का चुनाव प्रचार अभियान अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन माहौल बनना शुरू हो गया है। सारे सरकारी कार्यक्रम भी चुनावी तैयारियों के हिसाब से ही आयोजित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नवंबर में केदारनाथ जाने के कार्यक्रम को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा के अन्य बड़े नेता और कई केंद्रीय मंत्री भी राज्य का दौरा करेंगे। भाजपा की केंद्रीय चुनावी टीम ने राज्य के दौरे कर चुनावी रणनीति को तैयार करने और उस पर अमल का काम भी शुरू कर दिया है। लगातार बैठकों का दौर जारी है और नेता लगातार प्रवास कर रहे हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com