गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भरोसा जताया है। पार्टी ने राजस्थान सरकार में मंत्री रघु शर्मा को प्रभारी नियुक्त कर साफ कर दिया है कि गुजरात मंत्री रघु शर्मा को प्रभारी नियुक्त कर साफ कर दिया है कि गुजरात चुनाव रणनीति की कमान गहलोत ही संभालेंगे। गहलोत 2017 के चुनाव में भाजपा को घेरने में सफल रहे थे।
कांग्रेस ने करीब पांच माह बाद गुजरात का प्रभारी नियुक्त किया है। इसकी एक वजह दादर नगर हवेली सीट पर लोकसभा का उपचुनाव भी है। पर रघु शर्मा को जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी ने साफ कर दिया है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में वह ज्यादा प्रयोग करने के हक में नहीं है। इसलिए, गहलोत की पसंद से प्रभारी नियुक्त किया है।
वर्ष 2017 के मुकाबले गुजरात में कांग्रेस की चुनौतियां बढ़ी हैं। पार्टी संगठन कमजोर हुआ है। हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर की तिकड़ी में शामिल अल्पेश भाजपा में शामिल हो चुके हैं। पार्टी ने जिग्नेश मेवाणी को शामिल कर अपनी टीम को दुरुस्त करने की कोशिश की है, पर पार्टी में अंदरुनी कलह चरम पर है।
गुजरात निकाय चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को भी कई माह गुजर चुके है, पर पार्टी ने नए नेता को जिम्मेदारी नहीं दी है। इसके साथ पार्टी के संकटमोचक कहे जाने वाले अहमद पटेल का भी कोरोना संक्रमण से निधन हो चुका है।
ऐसे में कांग्रेस ने किसी नए नेता को प्रभारी बनाकर वक्त गंवाने की बजाए गहलोत पर भरोसा जताया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि रघु शर्मा मुख्यमंत्री गहलोत की सलाह पर ही प्रभारी बनाए गए हैं। पार्टी चुनाव के दौरान अशोक गहलोत को मुख्य पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी, ताकि वह सीधे तौर पर जुड़े रहें।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गुजरात में भाजपा को 99 सीट पर रोकने में सफल रही थी। वहीं पार्टी भी 77 सीट जीतने में सफल रही। कांग्रेस ने 22 साल बाद इतनी सीटें जीती थीं। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने स्वीकार किया कि भाजपा के मुख्यमंत्री और सरकार बदलने से सरकार की राह की मुश्किलें कम हुई हैं।