राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या का इस्तीफा गुरुवार को स्वीकार कर लिया। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को उत्तराखंड के गवर्नर की कमान सौंप दी है। ले.ज. सिंह राज्य के आठवें राज्यपाल होंगे। प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला के बाद ले.ज. सिंह प्रदेश के दसूरे सिख राज्यपाल हैं। साथ ही वह वरिष्ठ पूर्व सैन्य अफसर भी रह चुके हैं। सेना के पूर्व ऑफिसर को राज्यपाल बनाकर भाजपा राजनीतिक रूप से बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
गुरूवार देर रात केंद्र सरकार ने लंबे मंथन के बाद लेफ्टिनेट जनरल सिंह के नाम पर मुहर लगाई। वर्तमान राजनीतिक माहौल के लिहाज से लेफ्टिनेट जनरल का नाम उत्तराखंड की राजनीति के लिए बिलकुल सटीक भी बैठता है। किसान आंदोलन की वजह से राज्य के मैदानी- तराई भाबर क्षेत्र में किसान आंदोलित हैं। खासकर यूएसनगर में किसान आंदोलन में अधिक सक्रिय हैं। लेफ्टिनेट जनरल की नियुक्ति के जरिए भाजपा ने किसानों के बड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे सिखों को लुभाने की कोशिश की।
तो दूसरी ओर राज्य के हर चुनाव में अहम भूमिका अदा करने वाले सैनिक वोटरों में भी इस फैसले का दूर तक असर जाने की उम्मीद है। यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व सैनिक बहुल उत्तराखंड में पहली बार किसी पूर्व सैन्य अधिकारी को बतौर राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राज्य में पौने दो लाख पूर्व सैनिक परिवार हैं। जबकि सेवारत सैनिकों की संख्या भी 90 हजार के करीब है। लेफ्टिनेट जनरल के जरिए भाजपा ने उत्तराखंड के सैन्य सेंटीमेंट को छूने की बाखूबी कोशिश की है।
राज्यपाल कार्यकाल
सुरजीत सिंह बरनाला 09-11-2000 से 07-01-2003
सुदर्शन अग्रवाल 08-01 2003 से 20-10 2007
बीएल जोशी 29-10-2007 से 05-08-2009
मार्गरेट अल्वा 6-08-2009 से 14-05-2012
अजीज कुरैशी 15-05-2012 से 08-01-2015
कृष्णकांत पॉल 08-01-2015 से 25-08-20018
बेबीरानी मौर्य 26-08-2018 से 08-09-2021
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह 09-09-2021 से अबतक