पश्चिम बंगाल के बाद अब त्रिपुरा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी का नया कुरुक्षेत्र बनता नजर आ रहा है। बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में जो कुछ हुआ, वही अब पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में दोहराया जा रहा है। बीते दिनों हुए हमले को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच त्रिपुरा पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी सांसदों अभिषेक बनर्जी, डोला सेन और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के खिलाफ ‘पुलिस कर्मियों को उनकी ड्यूटी में बाधा डालने’ के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
त्रिपुरा पुलिस ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के अलावा बंगाल के मंत्री ब्रत्य बसु और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि रविवार सुबह 14 टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद मंत्री ब्रत्य बसु और सांसद डोला सेन के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक समूह खोवाई थाने पहुंचा और फिर उसके तुरंत बाद ही अभिषेक बनर्जी भी थाने पहुंच गए।
पुलिस ने कहा है कि टीएमसी नेताओं के समूह ने एडिशनल एसपी और अन्य पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर चिल्लाया भी। त्रिपुरा पुलिस ने अब टीएमसी के शीर्ष नेताओं को खोवाई के एडिशनल एसपी और एसडीपीओ के साथ दुर्व्यवहार करने और पुलिस कर्मियों को ड्यूटी करने से रोकने के लिए मामला दर्ज किया है।
बता दें कि पिछले हफ्ते अभिषेक बनर्जी और टीएमसी कार्यकर्ताओं पर त्रिपुरा में अलग-अलग घटनाओं में हमला किया गया था, जहां पार्टी 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले अपने आधार का विस्तार करना चाह रही है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि त्रिपुरा में अभिषेक बनर्जी और अन्य पर हालिया हमले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर किए गए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि वह ऐसी हरकतों के आगे घुटने नहीं टेकेंगी।
वहीं, पश्चिम बंगाल भाजपा ने आरोप को “निराधार” बताते हुए कहा कि ममता के तर्क के अनुसार, उन्हें राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा और भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्याओं के लिए कसूरवार ठहराया जाना चाहिए। बता दें कि त्रिपुरा के धलाई जिले के अंबासा में शनिवार को कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं के हमले में टीएमसी के दो नेता घायल हो गए थे।