उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर कनेक्शन प्रदान किया जाता है. पीएम मोदी ने 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को धुएं वाले वातावरण से निकालकर सुरक्षित और साफ-सुथरे माहौल में खाना पकाने की सुविधा मुहिया कराना है. धुएं से होने वाले नुकसान पर ध्यान में रखते हुए महिलाओं के लिए मुफ्त गैस सिलेंडर कनेक्शन देने की योजना की शुरुआत की गई.
उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर कनेक्शन पाने के लिए महिला की उम्र 18 साल से अधिक होना अनिवार्य है. साथ ही उनके पास बैंक खाता और बीपीएल कार्ड होना चाहिए. इसके अलावा बीपीएल परिवारों को एक एलपीजी कनेक्शन के लिए 1600 रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाती है. हालांकि लाभार्थियों को चूल्हा खुद खरीदना पड़ता है.
योजना के अनुसार, लाभार्थियों को 14.2 किलो का एलजीपी सिलेंडर दिया जाता है. इसकी लागत करीब 3200 रुपये होती है. इस पर 1600 रुपये सब्सिडी मिलती है जबकि 1600 रुपये OMCs एडवांस के रूप में मिलते हैं.
उज्ज्वला योजना का फायदा
सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत साल 2019 तक 5 करोड़ गरीब महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था. लेकिन इस लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही साल 2018 में हासिल कर दिया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2020 तक 7.4 करोड़ गैस कनेक्शन दिए जा चुके थे. इस योजना कार्यन्वित होने के बाद से गैस सिलेंडर की उपयोगिता बढ़ी है. महिलाओं को धुएं वाले माहौल से आजादी मिली है. स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें खत्म होल गई. इसके अलावा वायु प्रदूषण और पेड़ो की कटाई को कम करने में मदद मिली है. अन्यथा महिलाएं खाना पकाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल करती थी.
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