सहारनपुर के गंगोह क्षेत्र के गांव शेरमऊ में तीन दिन से टूटी पड़ी उच्च क्षमता की विद्युत लाइन में दौड़ रहे करंट की चपेट में आकर दो मासूम भाइयों की मौत हो गई, उनकी बहन गंभीर रूप से झुलस गई। गुस्साए ग्रामीणों ने दोनों शव खोसपुरा बिजलीघर के सामने रखकर जाम लगा दिया।
यह हादसा शुक्रवार शाम करीब तीन बजे हुआ और इसमें नलकूप में नहाने के बाद गांव लौट रहे नीरज निवासी शेरमऊ के दो बेटों जीवन (10) और आशु (8) की मौत हो गई। बहन खुशी (13) भी झुलस गई, जिसका सीएचसी पर उपचार चल रहा है। हादसे के बाद ग्रामीणों ने फोन कर लाइन बंद कराई। ग्रामीणों का आरोप है कि तीन दिन पहले लाइन टूटने के बाद बिजलीघर पर सूचना दी गई थी लेकिन, लाइन नहीं जोड़ी गई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार नकुड़ देवेंद्र कुमार और सीओ अरविंद पुंडीर ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और उचित मुआवजे का आश्वासन देकर जाम खुलवा दिया।
लापरवाही ने ले ली दो मासूमों की जान
शेरमऊ गांव के दो मासूमों की मौत के जिम्मेदार बिजलीकर्मी हैं, जो लापरवाही की चादर तानकर सो रहे थे। तीन दिन पहले विद्युत लाइन टूट गई थी, ग्रामीण शिकायत कर कर रहे थे, लेकिन बिजली कर्मियों के कान पर जूं नहीं रेंगी और बिजली लाइन ठीक नहीं कराई।
दो बच्चों की मौत की खबर के बाद परिवार में कोहराम मच गया। नीरज के पांच संतानें थीं, जिनमें से दो बेटों की मौत हो गई है। नीरज के साथ ही परिवार के अन्य लोग भी अस्पताल पहुंचे तो, मासूम बच्चों के शव सामने देख कलेजा कांप गया, बुरी तरह बिलखने लगे। उनका यह दर्द ग्रामीणों से भी नहीं देखा जा रहा था। इसी के चलते गुस्साए ग्रामीण दोनों बच्चों के शव लेकर खोसपुरा बिजलीघर के सामने पहुंच गए और नकुड़-गंगोह मार्ग पर जाम लगा दिया। कई घंटे तक धरना प्रदर्शन हुआ और हंगामा चला।
ग्रामीणों में गुस्सा इसी बात को लेकर था कि जब तीन दिन पहले विद्युत लाइन प्रवीन के खेत के पास टूटी थी, उसके बाद ही बिजलीघर पर सूचना देकर बिजली लाइन ठीक कराने की मांग की गई थी। बावजूद इसके बिजली कर्मियों ने यह लाइन ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई, जबकि विद्युत लाइन खेतों से गुजर रही थी और किसानों का अपने खेतों पर आना जाना रहता है। प्रदर्शन करने के दौरान मौजूद प्रधान संजय, पूर्व प्रधान अरविंद कुमार, बीडीसी इरफान, यूनुस आदि मौजूद रहे। उनका कहना था कि बिजली कर्मियों की घोर लापरवाही से हादसा हुआ है, इसलिए आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
खराब है परिवार की माली हालत
पीड़ित नीरज के परिवार की माली हालत खराब है, वह खेतिहर मजदूर है और उसी से परिवार की गुजर बसर करता है। ग्रामीणों के मुताबिक, नीरज का मकान भी कच्चा है। ग्रामीणों ने कहा कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाई जाए।
प्रकरण में विभागीय जांच कराई जाएगी जो भी बिजलीकर्मी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी। पीड़ित परिवार को नियमानुसार मुआवजा दिलाया जाएगा। – देवेंद्र कुमार, तहसीलदार नकुड़
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