भारत में चने का उत्पादन खूब होता है और यहां लोग बड़े चाव से इसका सेवन भी करते हैं और इसके फायदे भी अनेक हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आप अपने शरीर को फुर्तीला और स्वस्थ रखना चाहते हैं तो नियमित रूप से चने का सेवन जरूर करें। यह बहुत ही पौष्टिक होता है। चने को आप कई तरह से खा सकते हैं, भूनकर, उबाल कर या फिर तल कर। हालांकि आप इसे किसी भी रूप में खाएं, यह शरीर के लिए फायदेमंद ही होता है। इसमें भी अगर आप काले का सेवन करें तो यह शरीर को अद्भुत फायदे देता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम समेत कई प्रकार के विटामिन पाए जाते हैं। काले चने का सेवन कई प्रकार से शरीर को फायदे पहुंचा सकता है। यह खून की कमी से तो बचाता ही है, साथ ही दिमाग को भी तेज करने में मदद करता है।
डायबिटीज में फायदेमंद है काला चना
विशेषज्ञ कहते हैं डायबिटीज के मरीजों को काले चने का सेवन जरूर करना चाहिए। उनके लिए यह किसी ‘सुपरफूड’ से कम नहीं है। दरअसल, इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
कब्ज से दिला सकता है राहत
चूंकि काले चने में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, इसलिए यह पचने में भी आसान होता है। नियमित रूप से रात में भिगोए हुए चने को सुबह नमक, जीरा पाउडर और नींबू का रस आदि मिलाकर खाएं, इससे स्वाद भी बढ़ेगा और कब्ज की समस्या से निजात मिल सकती है और यह शरीर को अंदर से मजबूत भी बनाएगा।
कमजोरी को करता है दूर
काला चना पौष्टिकता से भरपूर होता है, ऐसे में यह शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। खासकर पुरुषों के लिए तो यह बहुत फायदेमंद है। रोजाना भिगोए हुए या अंकुरित चने का सेवन करने से कमजोरी को दूर करने में मदद मिलती है।
दिल के लिए भी फायदेमंद है काला चना
दिल के मरीजों को भी काला चना अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। दरअसल, यह एंटी-ऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है, जो हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। काले चने में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करता है, जिससे हृदय का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
नोट: डॉ. राजन गांधी अत्यधिक योग्य और अनुभवी जनरल फिजिशियन हैं। इन्होंने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से अपना एमबीबीएस पूरा किया है। इसके बाद इन्होंने सीएच में डिप्लोमा पूरा किया। फिलहाल यह उजाला सिग्नस कुलवंती अस्पताल, कानपुर में मेडिकल डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन के तौर पर काम कर रहे हैं। यह आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आजीवन सदस्य भी हैं। डॉ. राजन गांधी को इस क्षेत्र में 25 साल का अनुभव है।
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