कोरोना के मामले में भारत रिकॉर्ड तोड़ रहा है. एक दिन में अब एक लाख से ज़्यादा मामले आ रहे हैं. इससे केंद्र से लेकर राज्यों तक हड़कंप मचा है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन आज 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से मीटिंग करेंगे. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे. केंद्र ने 3 राज्यों में एक्सपर्ट्स की टीमें भी भेजी हैं.
कोरोना से हालात फिर बिगड़ गए हैं. हर तरफ खतरा फिर बढ़ गया है. कोरोना ने ऐसी स्पीड पकड़ी है, कि सात-आठ महीने का रिकॉर्ड टूट गया है. पहली बार देश में अब एक दिन में एक लाख से ज़्यादा मरीज मिल रहे हैं. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब में हालात बहुत बिगड़ गए हैं. इन तीन राज्यों में केंद्र ने एक्सपर्ट्स की 50 टीमें भेजी हैं. इनमें 30 टीमें महाराष्ट्र में, 11 छत्तीसगढ़ में, 9 टीमें पंजाब गई हैं.
कोरोना से फिर बिगड़े हालात कैसे काबू में किए जाएं. कैसे संक्रमण को रोका जाए. क्या नई रणनीति बनाई जाए. मीटिंग पर मीटिंग बुलाई जा रही हैं. आज ही स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की 11 राज्यों के स्वास्थ मंत्रियों के साथ मीटिंग है. इन राज्यों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं.
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे. इसमें कोराना की स्थिति और वैक्सीनेशन प्रक्रिया दोनों पर बात होगी. कोरोना के इस नई लहर पर कोई लापरवाही नहीं की जा सकती. क्योंकि मामले जिस तरह से बढ़े हैं, उससे हर तरफ हड़कंप मच गया है.
इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि सिर्फ 25 दिन में संक्रमण के मामले एक दिन में 20 हज़ार से एक दिन में एक लाख के पार हो गए. जब पिछले साल सितंबर में जब एक दिन में 98 हज़ार मामलों का पीक आया था तो उस पीक तक पहुंचने में 76 दिन लगे थे. ए स्थिति अगर काबू में नहीं आई, हालात और विस्फोटक हुए, तो फिर लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा. इसलिए अभी से सख्ती ज़रूरी है. महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली जैसे राज्य पहले से सख्ती दिखा रहे हैं.
लेकिन इस सख्ती के साथ साथ वैक्सीनेशन की स्पीड को भी बढ़ाने की चुनौती है. क्योंकि वैक्सीनेशन में ही कोरोना से लड़ाई पर जीत का फॉर्मूला है. दिल्ली सरकार ने एक तिहाई वैक्सीनेशन सेंटर को चौबीसों घंटे खोलने का आदेश दिया है. महाराष्ट्र के सीएम उद्वव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि 25 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने वैक्सीन के लिए 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को अनुमति देने के उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद किया.