केंद्र सरकार दिल्ली के लिए एक नया एनसीटी बिल का प्रस्ताव लेकर आई है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी विरोध कर रही है। नई दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। बुधवार को आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एनसीटी बिल के कानून के विरोध में 1090 चौराहे पर प्रदर्शन किया।
देखते ही देखते प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह प्रदेश प्रवक्ता व जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हो गई। बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पुलिस कार्यकर्ताओं पर लाठी भांजनी पड़ी। मौके से पुलिस ने करीब डेढ़ दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को हिरासत में लेकर करके इको गार्डन ले गई।
जिलाध्यक्ष वैभव माहेश्वरी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार संसद में एक बेहद खतरनाक बिल लाकर चुनी हुई दिल्ली सरकार को कमजोर करने की साजिश रच रही है। इस बिल के पास होने के बाद एलजी के पास सभी शक्तियां होंगी और दिल्ली सरकार के सभी प्रस्तावों को लागू करने का फैसला उनकी मेहरबानी पर निर्भर होगा। दिल्ली विधानसभा में मिली करारी हार, एमसीडी उपचुनाव में शून्य सीट मिलने से भाजपा बौखला गई है।
दिल्ली से लेकर के गुजरात तक जिस तरह से आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता बढ़ी है, उससे भाजपा परेशान है। इसलिए भाजपा एक बार फिर दिल्ली में षडयंत्र कर रही है। चोर दरवाजे से संविधान पीठ के फैसले को पलटते हुए दिल्ली की चुनी हुई सरकार को कमजोर करने और दिल्ली में विकास ठप करने के घिनौना षड्यंत्र में लगी है। वैभव माहेश्वरी ने कहा कि संसद में जो संशोधन बिल प्रस्तुत किया गया, उससे साफ है कि भाजपा की मंशा कुत्सित है।
इसमें हर विकास कार्य का अनुमोदन लेने के लिए उपराज्यपाल के पास पत्र बनिया भेजनी पड़ेगी जो केंद्र के अधीन होगा। कुल मिलाकर केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली सरकार हो जाएगी इस काले कानून के विरोध को लेकर राजधानी लखनऊ में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने आरोप लगाया पुलिस प्रदर्शन करने से रोकना चाहती थी जबकि कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे पुलिस ने धक्का-मुक्की की लाठीचार्ज भी किया गया इससे कई कार्यकर्ता चोटिल हुए हैं वहीं पुलिस का तर्क रहा कि प्रदर्शन के कारण 1090 चौराहे पर आवागमन बाधित रहा इसके कारण 20 मिनट से अधिक तक जाम लगा रहा। कार्यकर्ताओं को सड़क से हटाने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा।
माहेश्वरी ने कहा कि पिछली बार जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने काम करना शुरू किया था, उस समय गृह मंत्रालय की तरफ से एक आदेश जारी किया गया और दिल्ली सरकार के काम की रफ्तार को ठप करने के लिए सारी शक्तियां एलजी को दे दी गई। दिल्ली सरकार की सभी फाइलें एलजी के जरिए केंद्र सरकार ने एलजी हाउस में मंगा कर स्टोर कर लिया। शुंगलू कमिटी बनाई गई। लंबे समय तक फाइलों पर बैठकर काम को ठप किया गया। आपको यह भी याद होगा कि दिल्ली के अंदर मोहल्ला क्लीनिक बनाने के प्रस्ताव पर कई साल तक देर किया गया, सीसीटीवी कैमरा की फाइल को लेकर एलजी हाउस बैठ गया। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय, 4 लोग उस फाइल को मंजूरी दिलाने के लिए एलजी हाउस में दिन-रात बैठे रहे। आज एक बार फिर वही परिस्थिति दिल्ली में पैदा करने का षड्यंत्र शुरू हो चुका है। जिसकी शुरुआत मंगलवार को संसद में बिल प्रस्तुत करके किया गया है।
इस मौके पर आम आदमी पार्टी की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव ने कहा कि दिल्ली की जनता इस बात को लेकर के काफी चिंतित है और उसे समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर यह किया क्यों जा रहा है? अभी दिल्ली सरकार ने एक साल के करोना काल के बाद दिल्ली विधानसभा में ‘देशभक्ति बजट’ प्रस्तुत किया है। कई नई कार्य योजनाएं बनाई गई हैं, जिनको दिल्ली में लागू करना है। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली में देशभक्ति को लेकर अभियान चलाने और देशभक्ति पाठ्यक्रम को दिल्ली के स्कूलों में लागू करने का निर्णय हुआ। लेकिन अब केंद्र सरकार के इस काले कानून की वजह से इन सारे प्रस्तावों को लागू करने का फैसला एलजी की मेहरबानी पर निर्भर होगा। अंत में कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति से मांग की वह हस्तक्षेप कर केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा चोर दरवाजे से लाए जा रहे इस दमनकारी कानून को रद करें।
इस विरोध प्रदर्शन में आप के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान लतीफ, प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस सोनी, प्रदेश सचिव तुषार श्रीवास्तव, ब्रजेश तिवारी, ललित वाल्मीकि, बालगोविंद वर्मा, किश्वर जहां, रही जमाल, अंजू सिंह, रेखा कुमार, प्रीतपाल सलूजा, सुभाषनी मिश्रा, नोमान खान, सईद सिद्दकी, गजाला सिद्दकी, सलमान अली, अमीना बेगम, रामचंद्र आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।