हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का घेराव करने के मामले में अकाली नेता बिक्रम मजीठिया समेत नौ अकाली विधायकों पर केस दर्ज हो गया है। चंडीगढ़ के सेक्टर 3 थाने में अकालियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
10 मार्च को हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सुरक्षा में सेंध लगाने और हंगामा करने का मामला सामने आया था। मामले में सेक्टर-3 थाना पुलिस को बिक्रम सिंह मजीठिया समेत शिरोमणि अकाली दल के आठ विधायकों के खिलाफ शिकायत दी गई थी। शिकायत में कहा गया था कि 10 मार्च को विधानसभा परिसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मीडिया से बात कर रहे थे। आरोप है कि इस दौरान पंजाब के अकाली दल विधायकों ने उनके घेराव का प्रयास किया था। इस दौरान उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई थी। इस तरह की हरकत पर विधानसभा सचिवालय की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई थी।
13 मार्च को हरियाणा विस अध्यक्ष ने इस मामले की जांच के लिए पंजाब, हरियाणा और यूटी के अधिकारियों की उच्चस्तरीय संयुक्त कमेटी से 5 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। मामले की जांच के लिए हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने शुक्रवार शाम को विस सचिवालय में हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव समेत पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों समेत विस उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा, सचिव राजेंद्र नांदल व हरियाणा, पंजाब और यूटी चंडीगढ़ के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
10 मार्च को विधानसभा परिसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मीडिया से बात कर रहे थे, इसी दौरान पंजाब के अकाली दल विधायकों ने उनके घेराव का प्रयास किया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस घटनाक्रम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए तुरंत पंजाब के विधान सभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह से बात की थी। गुप्ता ने पंजाब में अपने समकक्ष को पत्र लिख कर इस मामले में कड़ा संज्ञान लेने का भी आग्रह किया था। इस पर राणा केपी सिंह ने खेद व्यक्त करते हुए भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया था।