बसंत पंचमी के दिन काशी में लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। सूर्योदय होते ही घाटों पर लोग पहुंच गए और गंगा स्नान किया। इसके बाद सूर्य को नमस्कार किया। श्रद्धालुओं की घाटों पर भीड़ दिखाई दे रही है। वहीं, दशाश्वमेध घाट सहित कई घाटों पर लोग गंगा स्नान के लिए जुटे हुए हैं। साथ ही सरस्वती पूरा की तैयारियां भी हो रही हैं।
शहर से गांव तक लगभग 300 प्रतिमाएं स्थापित की जानी हैं। इसके अलावा शिक्षण संस्थाओं और मंदिरों में मां सरस्वती का पूजन होगा। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रशासन ने दर्शन-पूजन की अनुमति दी है।
सोमवार को सुबह से ही पंडालों में प्रतिमाओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। लंका क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने मां सरस्वती की मास्क लगी हुई प्रतिमा को स्थापित किया है। वीणा लिए हुए हंस पर सवार माता सरस्वती मास्क लगाकर श्रद्धालुओं को मास्क लगाने का संदेश भी दे रही हैं।
विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और स्कूलों में सरस्वती पूजन का आयोजन किया गया है। सभी कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार मास्क और सैनिटाइजर की अनिवार्यता लागू की गई है। काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पं. दीपक मालवीय ने बताया कि 16 फरवरी को वसंत पंचमी पर पूर्व सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग तथा रवि योग एक साथ बन रहे हैं। वहीं, मंगलवार का दिन इसको अत्यंत शुभ बना रहा है। इसके अलावा मकर राशि में गुरु, शनि, शुक्र तथा बुध एक साथ होंगे। मंगल अपनी स्वराशि में विराजमान रहेंगे।
फिजा में पेड़ पौधे, पल्लवित फल व खिलखिलाते फूलों से महकती खुशबू से मानो प्रकृति ने भी सोलह शृंगार कर वसंत पंचमी के आगमन की तैयार कर ली है। वसंत पंचमी को लेकर नगर के बाजार सज गए हैं। महिलाओं व युवतियों ने पीले परिधानों की खरीदारी शुरू कर दी है। पीले थीम पर सजे बाजार में साड़ी से लेकर सूट, टॉप, वेस्टर्न ड्रेस में भी पीले रंग के विभिन्न शेड्स मिल रहे हैं।